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तौहीद और शिर्क : सूरए साफ़्फ़ात आयतें 93 -101 : पार्ट-37
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 93 -101 فَرَاغَ عَلَيْهِمْ ضَرْبًا بِالْيَمِينِ (93) فَأَقْبَلُوا إِلَيْهِ يَزِفُّونَ (94) قَالَ أَتَعْبُدُونَ مَا تَنْحِتُونَ (95) وَاللَّهُ خَلَقَكُمْ وَمَا تَعْمَلُونَ (96) फिर वे (मूर्तियों की तरफ़ गए और) उन पर सीधे हाथ का भरपूर वार किया। (37:93) फिर वे लोग (वापस आकर) भागे भागे उनकी ओर आए। (37:94) इब्राहीम ने कहाः क्या […]
तौहीद और शिर्क : तुम क़यामत के दिन देखोगे कि उनके चेहरे सियाह होंगे : पार्ट-3
بَلَى قَدْ جَاءَتْكَ آَيَاتِي فَكَذَّبْتَ بِهَا وَاسْتَكْبَرْتَ وَكُنْتَ مِنَ الْكَافِرِينَ (59) وَيَوْمَ الْقِيَامَةِ تَرَى الَّذِينَ كَذَبُوا عَلَى اللَّهِ وُجُوهُهُمْ مُسْوَدَّةٌ أَلَيْسَ فِي جَهَنَّمَ مَثْوًى لِلْمُتَكَبِّرِينَ (60) इन आयतों का अनुवाद हैः उस वक्त ख़ुदा कहेगा ( हाँ ) हाँ तेरे पास मेरी आयतें पहुँची तो तूने उन्हें झुठलाया और घमंड दिखाया और तू भी काफिरों […]
अल्लाह ज़ालिम और उससे बदला लेगा जो मज़लूम की मदद न करे : आठ चुनिन्दा हदीसें
पार्सटुडे- पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं” मज़लूम की बद्दुआ से डरो यद्यपि वह काफ़िर ही क्यों न हो, क्योंकि मज़लूम की बद्दुआ के सामने कोई रुकावट नहीं है। ज़ुल्म का अर्थ अत्याचार है यानी अपने आप पर या दूसरे के अधिकारों पर ज़ुल्म करना। जो बुरा व ग़लत काम करता है वह अपने आप पर ज़ुल्म […]