दुनिया

इस्राईल के सबसे बड़े पोर्ट हैफ़ा पर इराक़ी रेसिस्टेंस का ड्रोन हमला

ग़ज़ा युद्ध में पीड़ित फ़िलिस्तीनोयों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इराक़ी प्रतिरोधी संगठनों ने इस्राईल की सबसे बड़ी और व्यस्ततम बंदरगाह पर ड्रोन हमला किया है।

रविवार को अपने टेलीग्राम चैनल पर प्रकाशित एक बयान में आतंकवाद विरोधी प्रतिरोधकर्ताओं के एक समूह इस्लामिक रेसिस्टेंस इन इराक़ ने दो दिन पहले हैफ़ा बंदरगाह के रासायनिक भंडारण पर हुए हवाई हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकार की है।

बयान में कहा गया है कि यह हमला इराक़ और क्षेत्र में अन्य जगहों पर अमरीकी सैन्य उपस्थिति के विरोध और ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में किया गया है। जब तक ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनी नागरिकों का नरसंहार जारी रहेगा, इस तरह की जवाबी कार्यवाही भी जारी रहेगी।

इराक़ी रेसिस्टेंस ने पिछले महीने भी इस्राईल के क़ब्ज़े वाले हैफ़ा पोर्ट पर ड्रोन से हमला किया था।

इसके अलावा, जनवरी के अंत में जॉर्डन स्थित अमरीकी सैन्य अड्डे को भी ड्रोन से निशाना बनाया था, जिसमें कम से कम 3 अमरीकी सैनिकों की मौत हो गई थी।

अमरीका ने ग़ज़ा युद्ध की शुरूआत के बाद से ही इस्राईल के लिए सैन्य सहायता अभूतपूर्व रूप से बढ़ा दी थी और अपने दूसरे सहयोगी देशों पर भी इस्राईल की सहायता के लिए दबाव बनाया था

ग़ज्ज़ा के लिए सहायता बढ़ाई जाएः सुरक्षा परिषद

सुरक्षा परिषद की ओर से ग़ज्ज़ा के लिए सहायता को बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी करके यह मांग की है कि ग़ज़्ज़ा के लिए मानवीय सहायता की मात्रा को बढ़ाया जाए।

इस परिषद ने ग़ज़्ज़ा में जारी ज़ायोनियों के हमलों पर चिंता जताते हुए वहां के मूलभूत प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का आह्वान किया है। इसी के साथ सुरक्षा परिषद ने उत्तरी ग़ज़्ज़ा में सहायता के इंतेज़ार में खड़े आम फ़िलिस्तीनियों पर ज़ायोनी हमलों पर चिंता व्यक्त की है।

पिछले गुरूवार को उत्तरी ग़ज़्ज़ा में मानवीय सहायता की प्रतीक्षा में खड़े फ़िलिस्तीनियों पर ज़ायोनियों ने हमला कर दिया था जसमें कम से कम 104 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए थे।

हालांकि ज़ायोनियों के इस हमले का बहुत बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा है किंतु मुख्य बात यह है कि फ़िलिस्तीनियों पर ज़ायोनियों के हमले रुक नहीं रहे हैं। ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध ज़ायोनियों की हिंसक कार्यवाही के विरोध में विश्व के कई देशों विशेषकर पश्चिमी देशों में भी प्रदर्शन किये जा रहे हैं।