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सूरए साफ़्फ़ात की आयतें 161-173 فَإِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُونَ (161) مَا أَنْتُمْ عَلَيْهِ بِفَاتِنِينَ (162) إِلَّا مَنْ هُوَ صَالِ الْجَحِيمِ (163) इन आयतों का अनुवाद हैः अतः तुम और जिनको तुम पूजते हो वे, (37:161) तुम सब अल्लाह के विरुद्ध किसी को बहका नहीं सकते, (37:162) सिवाय उसके जो जहन्नम की भड़कती आग में पड़ने ही […]
तसवूफ़ एक बदनाम लफ़्ज़ होकर रह गया है….तसवूफ़ क्या है? : Part-2
Razi Chishti ========== · (2) कुछ लोगों का यह कहना है कि इस्लाम में तसवूफ़ के लिए कोई जगह नहीं है. उनका कहना बिलकुल सही है. तसवूफ़ इस्लाम के मक़ाम की चीज़ ही नहीं है. यहाँ तक कि आयत 49:14 मज़कूर से वाज़ह है कि इस्लाम और ईमान यह दोनों अलग हैं. हदीस जिबराईल जिसका […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-32 : न्याय वह चीज़ है जिस पर पूरा ब्रह्मांड चल रहा है!
सूरये इसरा, पवित्र कुरआन का 17वां सूरा है और यह सूरा मक्के में उतरा। चूंकि इस सूरेए में पैग़म्बरे इस्लाम के मेराज अर्थात आसमान पर जाने की ओर संकेत किया गया है इसलिए इसे इसरा कहा गया है और इसी तरह यह सूरा बनी इस्राईल की कहानी को बयान करता है इसलिए इसे बनी इस्राईल […]