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कहानी : उसकी नीली आँखें, सुनहरे बाल और गुलाबी रंगत सबको मोह लेती थी…By- Nazia Khan
Nazia Khan Writer Lives in Bhopal, Madhya Pradesh From Ujjain ====== कहानी “करना तो मुझे हाँ ही है” “मीशा, बेटा तुम तैयार नहीं हुईं, गेस्ट आने ही वाले हैं।” बुआ की आवाज़ पर मीशा ने हल्के से ब्लेंकेट सरकाया और उनींदी आवाज़ में पूछा, “आपके गेस्ट हैं बुआ, मैं क्या ही करूँगी आकर। नींद आ […]
वीरांगनाएं पैदा नहीं होती, वीरांगनाएं पैदा की जाती हैं!!
Shikha Singh ========= वीरांगनाएं पैदा नहीं होती वीरांगनाएं पैदा की जाती हैं। जिस तरह नृत्यांगना पैदा नहीं होती बानाई जाती हैं। स्त्री के साहस और उसकी कला को प्रखर करने के लिये पुरुष को भी साथ देना होता है। जिस तरह अपने मनोरंजन के लिये उसका साथ प्राप्त करते हो तुम ,उसी तरह उसकी कला […]
”कुसुम शर्मा अंतरा” की ग़ज़ल – मैं हक़ीक़त हूं या हूं अफ़साना
Kusum Sharma Antra ============= ग़ज़ल मेरे अंदर है मेरी तन्हाई ग़म का मंज़र है मेरी तन्हाई काटती जा रही है कब से मुझे एक ख़ंजर है मेरी तन्हाई हर तरफ़ से ये वार मुझ पे करे यूं सितमगर है मेरी तन्हाई अश्क़ का इक अदद हूं क़तरा मैं और समंदर है मेरी तन्हाई शोर ओ […]