14 दिनों से जिस ‘खेला’ की चर्चा पूरे देश में थी, वह वास्तव में उलटा पड़ गया। बिहार की नीतीश कुमार सरकार के पास 128 विधायक थे और जब बहुमत परीक्षण हुआ तो इनकी संख्या 130 हो गई। विपक्ष पहले ही स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव में हार गया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह के बाद सदन में वोटिंग कराई गई। सत्ता पक्ष के समर्थन में 130 वोट पर पड़े। राजद समेत महागठबंधन ने वॉकआउट का रास्ता अपनाया। इस तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट में पास हो गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि खरीदने की कोशिश हुई, लेकिन या कोशिश सफल नहीं हो पाई। सरकार के पास पहले 128 विधायक थे।
विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के वक्त जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संबोधन देने के लिए खड़े हुए तो राजद विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुस्सा गए और उन्होंने कहा यह लोग मुझे बोलने देना नहीं चाहते हैं आप वोट करवाइए। इसके बाद तेजस्वी यादव अपने विधायकों के साथ सदन से वॉक आउट कर गए।
सदन से बाहर निकले कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खां ने कहा कि ऐसा भी मौका आता है, जब जीत में भी हार दिखती है। आप जीत तो गए हैं, लेकिन आपकी निगाहें शर्म से झुकी हैं। एनडीए सरकार केवल विरोधाभास से भरी हुई है। भाजपा के इतिहास के बारे में तो नीतीश कुमार ने कई बार कहा है कि यह देश बदल देंगे। लेकिन, आप हमेशा बदलते रहे हैं, आपको इतिहास आपको याद रखेगा।
भाजपा विधायक रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी भी सदन पहुंच चुकी हैं। उनके साथ मिश्रीलाल यादव भी थे। वहीं इनसे पहले जदयू विधायक बीमा भारती भी सदन पहुंच गईं।
तेजस्वी यादव ने जदयू खेमे में गए तीन विधायकों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रह्लाद जी आप इतने साल राजद के साथ रहे मैं आपका धन्यवाद देता हूं। चेतन आनंद मेने छोटे भाई समान हैं। जब कोई दल इन्हें टिकट नहीं दे रहा तब राजद ने इन्हें टिकट दिया और विधायक चुने गए। हमने इन्हें इनके पिता में गुण पर नहीं बल्कि इनके गुण के आधार पर साथ लाया था। नीलम जी आप महिला हैं हम आपका सम्मान करते हैं। जो भी बातें हुई हैं, अगर नहीं पूरा होता है तो हमें याद कीजिएगा। तेजस्वी यादव ने कहा कि ओल्ड पेंशन नीति लागू करवाइए। सम्राट चौधरी से उन्होंने कहा कि आप इसे लागू करवाइए हम क्रेडिट आपको देंगे। यह कहते हुए तेजस्वी याद सदन से निकल गए।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि सम्राट जी और विजय सिन्हा जी हम आपलोगाें से पूछते हैं कि जो काम करेगा वह अपना क्रेडिट नहीं लेगा क्या। हमने इतनी नौकरियां दी तो क्रेडिट क्यों न लें? लेकिन, नीतीश कुमार कहते हैं कि क्रेडिट मत लीजिए। तेजस्वी यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर तंज कसा। इसके बाद मांझी भी पलटवार करने के लिए खड़े हुए लेकिन आसान ने उन्हें बैठा दिया। तेजस्वी यादव ने कहा कि जब तक कोई सरकार में स्थिरता नहीं होगी तब तक किसी राज्य का विकास नहीं होगा। मुझे तो चिंता होती है कि नीतीश जी के विधायक क्या मुंह लेकर अपने क्षेत्र में जायेंगे। क्या कहेंगे कि हमने नौकरी दी। किस मुंह से यह बात बोलेंगे। अफसरशाही इतना हावी है यह हम नहीं यह तो भाजपा वाले ही बोलते थे। भाजपा इतना डरी हुई थी महागठबंधन सरकार में। पूरे देश में भाजपा इतना कहीं डरी हुई नहीं थी जितना आपके और हमारी सरकार में थी।
विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मैं 9वीं बार सीएम पद की शपथ लेने के लिए आपको (नीतीश कुमार) बधाई देता हूं। आप ही न आए थे। कहा था कि मेरा मन नहीं लग रहा है। मेरी पार्टी को तोड़ा जा रहा है। इसके बाद हमने आपको समर्थन दिया और सीएम बनाया। लेकिन, आपने फिर से धोखा दिया। इसके बाद 17 महीने हमारी सरकार रही। हमने 17 माह में जो कर दिखाया, जितनी नौकरी दी वह पूरे देश में रिकॉर्ड बन गया। तेजस्वी यादव ने पूछा कि ऐ भाजपा वालों आप यह बताओ कि क्या मोदी जी गारंटी लेंगे कि नीतीश कुमार फिर से नहीं पलटेंगे?
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार कायम रह गई। नीतीश कुमार सरकार के बहुमत साबित करने के पहले ही यह पक्का हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल कोटे से विधानसभा अध्यक्ष रहे अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी छूटने के बाद उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नाम पर शक्ति परीक्षण कराया गया। इसमें नीतीश कुमार सरकार की तरफ से 125 विधायक रहे, जबकि विपक्ष में 112 एमएलए ही जुटे। बहुमत परीक्षण के नाम पर राजद को सीधे-सीधे तीन विधायकों का नुकसान उठाना पड़ा है। तेजस्वी यादव ने नीतीश को बधाई भी दे दी।
बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार के बहुमत परीक्षण से पहले दोपहर बाद सवा एक बजे तक की हालत यह है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को खेल खत्म करने का दावा करने वाली लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दला को तीन विधायकों का नुकसान साफ दिख चुका है। इस तरह विपक्ष की संख्या 114 की जगह 111 पहुंच गई है। इसी समय तक जदयू के डॉ. संजीव की वापसी के बावजूद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नंबर 128 से घटकर 125 हो गया है। डिप्टी स्पीकर के कुर्सी पर रहने के कारण यह संख्या एक और घटती है तो 124 हो जाएगी। इसके बाद चूंकि गैरहाजिर विधायकों की संख्या घटाकर उपस्थिति का दो तिहाई निकालते हुए बहुमत के लिए वोटिंग होगी तो सरकार का बचना एक तरह से अभी ही पक्का हो गया है।
विधानसभा की कार्यवाही चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए भाजपा विधायक नंद किशोर यादव ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। कुर्सी छोड़ने के लिए अवध बिहारी चौधरी ने कहा राजनीति तो आंकड़ों का खेल है। मैंने निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाया। लोकतंत्र में मेरी आस्था है। यह कहते हुए उन्होंने कुर्सी छोड़ दी। कुछ देर में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। इधर राजद के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव सत्ता पक्ष के खेमे में बैठे हैं। इसपर तेजस्वी यादव के विरोध जताया। उन्होंने कहा यह नियम के विरोध में है।