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ये पेंग्विन अब एक दूसरे के साथ ज्यादा संबंध बना रहे हैं और ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं

ऑस्ट्रेलिया के फिलिप आईलैंड पर रहने वाले पेंग्विन संख्या में 40 हजार को पार कर गए हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ये पेंग्विन अब एक दूसरे के साथ ज्यादा संबंध बना रहे हैं और ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट पर स्थित फिलिप आईलैंड पर पेंग्विनों की आबादी 40 हजार को पार कर गई है. वैज्ञानिक कहते हैं कि ऐसा जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है क्योंकि समुद्र के पानी का तापमान बढ़ने से मछलियां बढ़ गई हैं और इन प्राणियों को खाने के लिए भरपूर भोजन मिल रहा है. इस भोजन से मिल रही अतिरिक्त ऊर्जा का इस्तेमाल वे सेक्स करने में कर रहे हैं.

फिलिप आईलैंड नेचर पार्क्स में समुद्रविज्ञानी और मेलबर्न स्थित मोनाश यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर आंद्रे चियार्दिया कहते हैं कि आसानी से और भरपूर भोजन मिलने से पेंग्विनों को संबंध बनाने के लिए खूब समय और ऊर्जा मिल रही है.

बदल रहा है व्यवहार
प्रोफेसर चियार्दिया लंबे समय से पेंग्विनों पर अध्ययन कर रहे हैं. ताजा अध्ययन में उन्होंने पाया कि फिलिप आईलैंड के लिटल पेंग्विन पहले से ज्यादा बार सेक्स कर रहे हैं और उनकी आबादी भी बढ़ रही है.

स्थानीय मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में चियार्दिया ने बताया, “ये पक्षी समय से डेढ़ महीना पहले बच्चे पैदा कर रहे हैं. जब वे ऐसा करते हैं तो सोचते हैं कि क्यों ना एक बार फिर कर लिया जाए.”

आमतौर पर माना जाता है कि पेंग्विन अपने साथी के प्रति वफादार रहते हैं लेकिन चियार्दिया के मुताबिक फिलिप आईलैंड पर रहने वाले ये लिटल पेंग्विन रिश्ते बनाने में तेज होते हैं. वह कहते हैं, “अगर कुछ गड़बड़ होती है और रिश्तों में दिक्कत हो जाती है तो वे नया साथी खोज लेते हैं. छिपकर तो वे एक ही रात में चार-पांच के साथ हो सकते हैं.”

वैसे, संख्या बढ़ने के मामले में पेंग्विन की अन्य प्रजातियां फिलिप आईलैंड के लिटल पेंग्विनों जितनी खुशकिस्मत नहीं हैं. एक शोध में अनुमान लगाया गया है कि 90 प्रतिशत एंपरर पेंग्विन सन 2100 तक खत्म हो सकते हैं.

कम नहीं हुई मुसीबत
2022 में ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के नाम से हुए अध्ययन में पाया गया कि दस हजार नन्हे पेंग्विन समुद्र की सतह पर जमी बर्फ के टूटने से मर गए क्योंकि बर्फ समय से पहले टूट गई और तब तक वे तैरना नहीं सीख पाए थे. इसकी वजह भी जलवायु परिवर्तन को बताया गया था.

बेलिंगहाउजेन समुद्र के किनारे पर यह घटना पश्चिमी अंटार्कटिक में हुई. घटना को उपग्रहों ने दर्ज भी किया. ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (बीएएस) के डॉ. पीटर फ्रेटवेल ने बताया कि यह घटना आने वाले समय का संकेत है.

अंटार्कटिक में 2016 से बर्फ में खासी कमी देखी गयी है और कुल बर्फीले क्षेत्र का इलाका नये निम्न स्तर पर पहुंच गयी है. पिछली दो गर्मियों में सबसे ज्यादा कमी देखी गयी है. 2021-22 और 2022-23 में तो बेलिंगहाउजेन में आइस-कवर पूरी तरह खत्म हो गया था. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसकी वजह से पेंग्विनों के लिए जगह लगातार खत्म होती जाएगी.

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विवेक कुमार