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विवाह योग्य युवक युवती के परिवार वाले ध्यान से पढ़े..!!…By-लक्ष्मी कान्त पाण्डेय

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय
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“भाग्य….
विवाहयोग्य युवक युवती के परिवार वाले ध्यान से पढ़े..!!
एक 26 वर्षीय लड़की के पिताजी को उसके नजदीक के परिजन ने एक योग्य वर के बारे में बात की….
लड़का शहर में नौकरी करता है दिखने में सुस्वरूप है….
अच्छे संस्कार वाला है….
लड़के के माँ बाप भी सुस्थिति में है…
लड़के की उम्र 29 साल है
सब कुछ अनुरुप है….
लड़की के पिताजी- : वो सब तो ठीक है पर लड़के की पगार कितनी है….
मध्यस्थ : अच्छी है 25 हजार रुपये….
लड़की के पिताजी:- कया…..अजी शहर में 25 हजार से क्या होता है भला….
मध्यस्थ :जी….तो एक दूसरा एक लड़का है दिखने में ठीक है और पगार भी अच्छी है …पचास हजार रुपये….
सिर्फ उसकी उम्र थोड़ी ज्यादा है, वह 32 साल का है….
लड़की का पिताजी : पचास हजार….
इस शहरमें 1BHK फ्लैट भी क्या वह खरीद सकता है क्या 50 हजार में….तो भला वो मेरी बेटी को कैसे खुश रख पायेगा….
मध्यस्थ : और एक है…..लड़का दिखने मे ठीक-ठाक है….
सिर्फ थोड़ा मोटा है….थोडे से बाल झड़ गए है…
(दिमाग से काम कर कर के)..पगार भी अच्छी एक लाख है…पर उम्र मात्र 35 साल है ….
देखिए…. अगर आपको जँचता होगा तो….
लड़की के पिताजी : क्या चाटना है 1 लाख पगार को….
मेरी कन्या के लिये तो सुन्दर ही लड़का देखूंगा.
कोई और भी कोई अच्छा बताइये जी लड़का कम उम्र का हो….
अच्छी पगार कमाता हो….घर भी अच्छा होना चाहिए और दिखने में भी स्मार्ट हो….
ऐसे ही बातो में 4/5 साल निकल गए फिर वह मध्यस्थ को बुलाकर बात हुई….
मध्यस्थ : अब आपकी लड़की हेतु योग्य वर देखना मेरे बस की बात नही…..
अब मेरे पास आपकी लड़की के अनुरूप 38/40 साल वाले लड़को के ही रिश्ते है…आप बोलो तो बताऊ….
लड़की का पिता: कोई भी अच्छा सा घर बताइये इस उम्र में कही हो जाये ये क्या कम बात है लड़की की उम्र भी तो 31-32 हो रही है….
अब मेरी लड़की ही अनुरूप नहीं रही तो मैं ज्यादा क्या अपेक्षा रखूँ….
मेरे दोस्तों….घर के बड़े बुर्जुगों से निवेदन है 🙏🏻
लड़की और लड़को की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करके उन्हें बर्बाद मत कीजिए….लड़की का अपना घर उसका ससुराल ही होने वाला होता है तो जरा समय से सही उम्र में भेज के उसे अपने सपनों के घर को सजाने-संवारने दीजिये…
आप अपने आस पास देखेंगे तो पायेंगे की बहुत से लोग शादी के बाद धनवान बने हैं…
क्योंकि बहुत बार भाग्य शादी के बाद उदय होता है तो बहुत बार शादी के बाद व्यक्ति का सब कुछ चला जाता है……अच्छा और अच्छा ….और और बहुत अच्छा के चक्कर में हम सही उम्र और समय की अनुकूलता को भूल जाते है ये धन दौलत आनेवाले साथी और जोडीदार के भाग्य से भी खुल जाते है ….
और जैसा की मे कुछ रचनाओं से हमेशा प्ररेणादायक संदेश देने की कोशिशें करता हूं तो दोस्तों बस इतना याद रखिएगा दूसरा मौका केवल और केवल कहानियों में मिलता है असल जिंदगी में नहीं ……
वो एक गीत है मेरा मनपसंद .. ….
आपने भी जरूर सुना होगा ….आपकी कसम …से ….
जिंदगी के सफर मे गुजर जाते है जो मकाम ….
वो फिर नहीं आते ….
वो फिर नहीं आते ….!!