साहित्य

हवा हवाई पंख पहन कर, प्रेम पचीसा पढ़ने वालों…कभी ज़मीनों पर उतरो तो…#सीमा_अग्रवाल

सीमा अग्रवाल

Lives in Mumbai, Maharashtra

From Kanpur, Uttar Pradesh

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मेहनतकश कमला उवाच ……
हवा हवाई पंख पहन कर
प्रेम पचीसा पढ़ने वालों
कभी ज़मीनों पर उतरो तो
हम से मिलने आना
तन के राजमहल पर
खारे पानी की नक़्क़ाशी
मन के गलियारों में टूटे
सपनो की अय्याशी
हथेलियों से कूद भागती
क़िस्मत की रेखाएँ
दिन से लड़ती रात, रात से
दिन की आयें-बायें
अहसासों में चाँद सरीखे
चमचम मुखड़े रखने वालों
सख़्त समय के खुरदुर चेहरों
से भी आँख मिलाना
रची हुयी हैं फटी एड़ियों
पर सड़कें माउर सी
लक्ष्यहीन यात्राएँ बजती
हैं पग में नूपुर सी
कमरबंद ज़िम्मेदारी का
मेहनत सजी कलाई
सँवरी रहती यों हरदम
मजबूरी की तरुणाई
घनी रेशमी काली अलकों
पर गजरों सा बँधने वालों
समय बचे तो धूल भरी
उलझी लट भी सुलझाना
#सीमा