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तरही ग़ज़ल…:”बरसों के बाद आए थे अपने दयार में” : सरदार हरबंस सेठी की तीन ग़ज़लें पढ़िये!
Harbans Sethi From Faridabad ================ तरही ग़ज़ल… मिसरा :- “तुम क्या गये कि रूठ गये दिन बहार के” !! जब फैस’ले ही ले लि’ए हों आर पार के !! फिर क्या मलाल कीजिये अब जीत हार के !! कुछ काम ज़िन्दगी में ज़रा सोच कर करें ! हैं नौ न’कद भले, न कि तेर’ह उधार […]
आपकी ज़िंदगी का कोच कौन है ?? अपने बच्चों को “संवेदनशील” बनाईए…!!!
Arvind Verma ============= कुछ माता-पिता बड़े समझदार होते हैं ! वे अपने बच्चों को किसी की भी मंगनी, विवाह, लगन, शवयात्रा, उठावना, तेरहवीं (पगड़ी) जैसे अवसरों पर नहीं भेजते, इसलिए की उनकी पढ़ाई में बाधा न हो! उनके बच्चे किसी रिश्तेदार के यहां आते-जाते नहीं, न ही किसी का घर आना-जाना पसंद करते हैं। वे […]
“क़र्ज़”……जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी…
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============= ” कर्ज……. विवाह के दो वर्ष हुए थे जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी …पति शहर से बाहर थे … जिस रिश्ते के भाई को स्टेशन से ट्रेन मे बिठाने को कहा था वो लेट होती ट्रेन की वजह से रुकने में मूड में नहीं था […]