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#मुफ़लिस_का_सहारा_दिल_ही_तो_है…….मनस्वी अपर्णा की रचना पढ़िये!
मनस्वी अपर्णा ============== #मुफ़लिस_का_सहारा_दिल_ही_तो_है मुझे बचपन और अभाव कुछ अर्थों में एक जैसे लगते हैं….. कारण बताती हूं, दोनों में आशा और अहसास की कोमलता बची रहती है, एक कौमार्य होता है दोनों ही परिस्थितियों में…. जब हम बच्चे होते हैं तो हमारे पास बहुत सी आशाएं होती हैं जो बिलकुल अनछुई होती है भले […]
बहू कहां मर गई?
अपना बैतूल ============ एक और रियल स्टोरी।। पूरा पढ़ना। बहू कहां मर गई? अंदर से आवाज- जिंदा हूं माँ जी। तो फिर मेरी चाय क्यूं अभी तक नहीं आई, कब से पूजा करके बैठी हूं ला रही हूं माँ जी, बहू चाय के साथ, भजिया भी ले आयी, सास ने कहा तेल का खिलाकर क्या […]
* जब सब कुछ मायके से ही लाना है तो काम भी मायके का ही करूंगी ना*
Komal Kumari =============== * जब सब कुछ मायके से ही लाना है तो काम भी मायके का ही करूंगी ना* फटाफट रसोई का काम निपटाकर संध्या अपने कमरे में दौड़ी चली आई। बाहर घर के सदस्य सब तैयार हो चुके हैं और संध्या है कि अभी तक तैयार ही नहीं हुई। जानती थी कि अगर […]