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इस्राईल के समर्थन में अमेरिका और ब्रिटेन ने दोबारा यमन की “रासे ईसा” बंदरगाह पर हमला किया

जायोनी सरकार के मूल समर्थक अमेरिका और ब्रिटेन ने दोबारा यमन के अलहुदैदा प्रांत की “रासे ईसा” बंदरगाह पर हमला किया है।

इस हमले यमन की सशस्त्र सेना ने फिलिस्तीन के मज़लूम लोगों के समर्थन में शुक्रवार को अदन की खाड़ी में ब्रिटेन के आयल टैंकर पर हमला किया था जो अवैध अधिकृत फिलिस्तीन की ओर जा रहा था।

इसी संबंध में अमेरिका की आतंकवादी सेन्ट्रल कमान “सेन्टकाम” ने दावा किया है कि यमन का अंसारुल्लाह आंदोलन लालसागर में मिसाइल फायर करने की तैयारी में था कि हमने उस पर हमला कर दिया।

सेन्टकाम की ओर से जारी होने वाले बयान में कहा गया है कि 27 जनवरी की सुबह पौने चार बजे यह हमला किया गया। इस दावे के अनुसार अमेरिकी सैनिकों ने इस मिसाइल को अमेरिका के व्यापारिक जहाजों और युद्धपोतों के लिए तुरंत खतरा समझा।

समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल के पाश्विक हमलों के आरंभ से यमन की सशस्त्र सेना फिलिस्तीन की मज़लूम जनता के समर्थन में अब तक कई बार इस्राईली और उन जहाज़ों को लक्ष्य बना चुकी है जो अवैध अधिकृत फिलिस्तीन की ओर जा रहे थे।

यमन की सशस्त्र सेना ने एलान किया है कि जब तक गज्जा पट्टी का परिवेष्टन समाप्त नहीं होता और वहां के लोगों को खाद्य पदार्थों और दवाओं आदि को भेजने की अनुमति नहीं दी जाती तब तक हम इस्राईली या उन जहाज़ों को लक्ष्य बनायेंगे जो लाल सागर से होकर अवैध अधिकृत फिलिस्तीन की ओर जायेंगे।

इसी प्रकार यमनी सेना की ओर से कहा गया है कि इसके अलावा लाल सागर और दमन की खाड़ी में हर देश के जहाज़ की आवाजाही पूरी तरह आज़ाद है।