सेहत

लो शुगर लेवल के कारण कोमा होने का भी ख़तरा हो सकता है, लो शुगर हो जाए तो क्या करें?

ब्लड शुगर का बढ़ना स्वास्थ्य के लिए समस्याकारक स्थिति मानी जाती है। लंबे समय तक शुगर का लेवल बढ़े रहने से शरीर के अन्य अंगों जैसे आंखें, हार्ट, किडनी पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। डायबिटीज के शिकार लोगों में अक्सर शुगर लेवल अधिक होने की समस्या देखी जाती है। पर क्या आप जानते हैं, शुगर बढ़ने की तरह ही इसका लो स्तर भी आपके लिए बड़ी मुश्किलों का कारण बन सकती है। अक्सर लो शुगर लेवल के कारण कोमा होने का भी खतरा हो सकता है।

ज्यादातर लोगों में सुबह का फास्टिंग ग्लूकोज लेवल 70 से 100 मिलीग्राम/डीएल के बीच का स्तर सामान्य माना जाता है। वहीं भोजन के बाद 140 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम का स्तर सामान्य शुगर लेवल है। हालांकि अगर आपका शुगर लेवल अक्सर 70 मिलीग्राम/डीएल से कम बना रहता है तो इसे लो शुगर माना जाता है। इस स्थिति को हाइपोग्लाइकेमिया कहा जाता है।

ये सेहत के लिए गंभीर संकेत हो सकती है।

लो शुगर लेवल खतरनाक

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या अधिकतर मधुमेह का उपचार ले रहे लोगों में देखी जाती है, पर इसका जोखिम किसी को भी हो सकता है। हाइपोग्लाइसीमिया में तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है। समय पर इलाज न मिलने पर झटके आना, जबड़ों के सख्त होने, चेतना की हानि और कोमा का भी खतरा हो सकता है।

यही कारण है कि डायबिटीज रोगियों को नियमित अंतराल पर शुगर की जांच कराते रहने की सलाह दी जाती है।

हाइपोग्लाइसीमिया क्यों होता है?

हाइपोग्लाइसीमिया तब होता है जब आपके ब्लड शुगर (ग्लूकोज) का स्तर शारीरिक कार्यों को जारी रखने के लिए बहुत कम हो जाता है। ग्लूकोज हमारे ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। मधुमेह की दवा की अधिकता, इंसुलिन लेने के साथ शुगर कम करने वाले अन्य उपाय हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकते हैं। बिना कुछ खाए भारी मात्रा में शराब पीने से भी अचानक से शुगर का लेवल बहुत कम हो जाने की समस्या देखी जाती रही है।

यदि किसी बीमारी के कारण शरीर अधिक मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करने लग जाए तो इसके परिणामस्वरूप भी हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।

कैसे पहचानें लो शुगर के लक्षण

यदि रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो इसके कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। रोगी को अस्थिरता-बेचैनी, पसीना आने, अनियमित या दिल की धड़कन तेज होने, थकान, चिड़चिड़ापन, शरीर में झुनझुनी या सुन्न होने की समस्या हो सकती है। लंबे समय तक लो रहने वाले शुगर लेवल के कारण भ्रम, असामान्य व्यवहार जैसी दिक्कत, बोलने में कठिनाई, धुंधला दिखने की भी समस्या होने लगती है।

लो शुगर हो जाए तो क्या करें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि हाइपोग्लाइसीमिया की पहचान न हो पाए या इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो रोगी को झटके आने, कोमा यहां तक कि मौत भी हो सकती है।

अगर किसी में अचानक से शुगर लेवल कम हो गया हो तो तुरंत 15 से 20 ग्राम तेजी से काम करने वाले कार्बोहाइड्रेट या मीठे बिस्किट दें। फलों का रस, सोडा, शहद या मीठी कैंडी से भी शुगर बढ़ाया जा सकता है। लक्षणों में थोड़ा आराम मिलते ही रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: तीसरी जंग हिंदी लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।