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सऊदी अरब, ईरान और अमेरिका के बीच संदेश वाहक की भूमिका निभा रहा है?

रिश्तों में वर्षों के तनाव के बाद, तेहरान और रियाज़ के बीच संबंध बहाल हुए 9 महीने बीत चुके हैं।

इस दौरान, सऊदी अरब ने ईरान और अमेरिका के बीच संदेश वाहक के रूप में एक नई भूमिका निभाई है।

रियाद में उच्च पदस्थ अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच संदेशों के आदान-प्रदान और ग़ज़ा युद्ध से संबंधित संदेशों को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मिडिल ईस्ट आई ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि यह प्रक्रिया नवंबर में शुरू हुई, जब ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने ग़ज़ा युद्ध पर रियाज़ में एक आपातकालीन शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब लीग देशों के नेताओं ने भाग लिया था।

मामले से परिचित एक सूत्र ने मिडिल ईस्ट आई को बताया कि अमीर अब्दुल्लाहियान ने सऊदी अधिकारियों को अमेरिका तक पहुंचाने के लिए एक संदेश दिया था।

सूत्र ने कहा कि सउदी अधिकारियों ने फिर यह संदेश, वाशिंगटन में वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया।

सऊदी अरब को ओमान, क़तर और स्विट्जरलैंड के साथ दोनों पक्षों के बीच एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया गया है, जो कभी-कभी तेहरान में राजनयिक रूप से अमेरिका का प्रतिनिधित्व करता है।

सूत्र के अनुसार, ईरान और अमेरिका के बीच हुए संचार में मुख्य रूप से तनाव को रोकने और क्षेत्र में तनाव की वृद्धि से बचने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

सूत्र ने कहा कि तेहरान ने अमेरिका को संभावित परिणामों के बारे में चेतावनी दी थी कि ग़ज़ा के ख़िलाफ़ इस्राईल का युद्ध, जिसमें पहले ही 25,000 से अधिक लोग शहीद हो चुके हैं, क्षेत्रीय तनाव को बेक़ाबू स्तर पर ले जा सकता है।

इसमें व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में इस्राईल की हार और अमेरिकी सेना पर सुरक्षा दबाव बढ़ना शामिल था।