अमरीका ने किया स्वीकार, यमनियों के हमलों को रोकने में समय लगेगा
अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा है कि यमनी हमलों को रोकने में समय लगेगा।
इर्ना की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने एबीसी टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हम यमन में हथियारों के गोदामों को नष्ट कर रहे हैं ताकि वे और हमले न कर सकें और इस काम में समय लगेगा।
उन्होंने फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के लिए यमन के समर्थन और ज़ायोनी शासन के साथ सहयोग करने वाले जहाजों पर हमलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम इस तर्क को पूरी तरह से खारिज करते हैं कि ग़ज़्ज़ा में इस्राईल और हमास के बीच संघर्ष के कारण, एक ग्रुप को पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर हमले का अधिकार है।
फाइनर ने क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों के बारे में कहा कि वाशिंगटन इन हमलों को बहुत गंभीरता से लेता है और जल्द ही इस संबंध में कहने के लिए बहुत कुछ होगा।
ज्ञात रहे कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ दिन पहले कहा था कि अंसारुल्लाह के ख़िलाफ अमेरिकी सेना के हमले जारी रहेंगे लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की बमबारी ने लाल सागर में जहाजों पर हमलों को रोक सकी है।
नेतनयाहू घर में हुए क़ैद, तेलअवीव में भारी हंगामा!
इस्राईली क़ैदियों के परिजनों ने ग़ज़्ज़ा युद्ध के ख़िलाफ़ और अपने रिश्तेदारों की रिहाई के लिए तेल अवीव में ज़ायोनी प्रधानमंत्री नेतनयाहू के घर के बाहर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ग़ज़्ज़ा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के रिश्तेदारों ने शनिवार को ज़ायोनी प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतन्याहू के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और ग़ज़्ज़ा में युद्ध जारी रहने के कारण 100 से अधिक बंदियों को रिहा कराने में उनकी सरकार की विफलता और युद्धविराम न किए जाने पर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए ज़ोरदार प्रदर्शन किया है। तेलअवीव की सड़कों पर इस समय भी हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित हैं और लगातार नेतन्याहू के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने जहां नेतन्याहू के घर को घेर लिया है वहीं वह उनके इस्तीफ़े की भी मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि वह युद्धविराम चाहते हैं लेकिन वर्तमान ज़ायोनी सरकार अपनी ज़िद के आगे हमारे रिश्तेदारों की जान से खेल रही है।
बंधकों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने कहा कि उन्होंने “105 दिनों की भीख मांगी थी” और अब सरकार से नेतृत्व दिखाने और बंधकों को मुक्त करने के लिए साहसिक क़दम उठाने की मांग की है। इस्राईल के युद्ध मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने उनकी रिहाई को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष विराम को एकमात्र तरीका बताया है, एक टिप्पणी जिसमें ज़ायोनी शासन की वर्तमान रणनीति की आलोचना निहित थी। ज़ायोनी प्रधानमंत्री के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन और पूर्व इस्राईली सेना प्रमुख गाडी ईसेनकोट की टिप्पणी युद्ध की दिशा को लेकर इस्राईल में बढ़ते संघर्ष के कई संकेतों में से एक थी, जो अपने चौथे महीने में है। आलोचकों ने नेतन्याहू पर ग़ज़्ज़ा युद्ध के बाद के परिदृश्य के बारे में कैबिनेट स्तर की बहस को रोकने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नेतन्याहू अपने गठबंधन के भीतर संघर्ष को रोकने के लिए अड़ंगा लगा रहे हैं। बता दें कि तेल अवीव में कड़ी सुरक्षा के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने तेल अवीव की मुख्य सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। हज़ारों लोग ज़ायोनी प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे और उनके तत्काल इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे।
हमास ने इस्राईल को दे दिया समय, इस्राईलियों के लिए अहम पैग़ाम
फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड का कहना है कि इस्राईल का समय ख़त्म हो रहा है।
हमास की सैन्य शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने ग़ज़्ज़ा में इस्राईली क़ैदियों के परिवारों को जीवन और मृत्यु की चेतावनी जारी की है और जोर देकर कहा है कि समय समाप्त हो रहा है।
फ़ार्स न्यूज़ के अनुसार, अल-क़स्साम ब्रिगेड के बयान में कहा गया है कि कैदियों के परिवारों के लिए, विकल्प आपके हाथ में है, क्या आप अपने बच्चों को ताबूत में चाहते हैं या जीवित?
यह अपने परिवारों और बच्चों की प्रतीक्षा कर रहे इस्राईलियों को अल-क़स्साम ब्रिगेड के दूसरे संक्षिप्त और निर्णायक संदेश का हिस्सा था।
अल-क़स्साम का संदेश तब आया है जब इस्राईली क़ैदियों के परिजन शुक्रवार, 19 जनवरी से प्रधानमंत्री नेतन्याहू के घर के सामने डेरा डाले हुए हैं और “त्वरित समझौते” का नारे लगाते हुए रात बिता रहे हैं।
ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ दक्षिण अफ़्रीका की शिकायत के समर्थन में वृद्धि
नरसंहार के अपराध की रोकथाम और सज़ा पर कन्वेंशन के सदस्य देशों में से एक के रूप में, दक्षिण अफ्रीक़ा ने 29 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में एक मुक़दमा दर्ज किया, जिसमें न्यायालय से तुरंत यह घोषणा करने का अनुरोध किया गया कि नरसंहार कन्वेंशन के तहत इस्राईल ने अपने दायित्वों का उल्लंघन किया है।
शिकायत में मांग की गई है कि ऐसे सभी कार्यों और कार्रवाइयों को तुरंत रोकना चाहिए जो उन दायित्वों का उल्लंघन करते हैं, और इसके लिए कुछ उचित उपाय भी किए जाने हैं। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इस्राईल के दायित्वों के उल्लंघन के संबंध में दक्षिण अफ्रीक़ा की शिकायत को मंजूरी देते हुए इस संबंध में सुनवाई की है।