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कामरेड शशि प्रकाश की ताज़ा कविता … हमारे लहूलुहान समय का एक दृश्य-चित्र!
* स्टिललाइफ़ 2023 तिपहरी उदास, सुनसान। एकाकी उचाट आत्मा पर ग्लानिग्रस्त गुलाब की छाया गिरती हुई अनमनी। पुराने बरगद की लटकती बरोहें डोलती हुई हवा में जिन्हें फिर से मिट्टी तक पहुँच कर नयी जड़ें बनना था। मनहूसी भरे आसमान में पुच्छल तारे सी उगी एक बन्दूक। नीचे कंसंट्रेशन कैम्प जैसी किसी आतंककारी इमारत के […]
‘‘क्या कह रही हैं आप, समधिनजी?’’
दो लफ्ज =========== समधिन की बात सुन कर दिवाकर सकते में आ गए. नागिन की तरह फुफकार कर निर्मला बोली, ‘‘आप लोग मेरी बेटी को तरहतरह से तंग करते हैं. मैं ने बेटी का ब्याह किया है, उसे आप के हाथों बेचा नहीं है. मेरी बेटी अब आप के घर नहीं जाएगी.’’ दिवाकर ने पिछले […]
” भइया इस विषय पर जानकारी दो, मुझे तुम्हारे विरोध में लिखना है”
Sarvesh Kumar Tiwari =============== मित्रता! पिछले दिनों एक चर्चित विषय पर लेख लिखना था। मैं तथ्यों को लेकर तनिक उलझन में था। फिर सोचा कि किसी मित्र से पूछ लेते हैं। उस विषय पर सलाह के लिए मुझे जिस मित्र का नाम ध्यान में आया, मैं उनकी वाल पर गया। वहाँ देख रहा हूँ कि […]