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अगर प्रधानमंत्री मोदी उपासना स्थल क़ानून का बचाव कर दें तो कोई विवाद ही नहीं होगा : असदुद्दीन ओवैसी

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के सर्वे कराने के फैसले पर रोक लगा दी.

हाईकोर्ट ने कोर्ट की निगरानी में मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उपासना स्थल क़ानून के साथ खड़े होने की अपील करते हुए कहा कि वो अगर इस क़ानून का बचाव कर दें तो कोई विवाद ही नहीं होगा. .

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ ओवैसी ने कहा, “जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह देंगे कि वह उपासना स्थल क़ानून 1991 के साथ खड़े हैं और उसका समर्थन करते हैं, उस दिन से कोई भी विवाद नहीं होगा.”

हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा, “अगर प्रधानमंत्री ये बात कह देते हैं कि सभी धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनी रहेगी और वो 15 अगस्त, 1947 में जिस धर्म के अधिकार में थे उसी के रहेंगे और अब उनमें कोई बदलाव नहीं होगा तो कोई और मुद्दा नहीं उठेगा. वह इस बात को क्यों नहीं कह रहे हैं?”

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की तारीफ़ करते हुए ओवैसी ने कहा, “ सुप्रीम कोर्ट ने सही किया है. बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपासना स्थल अधिनियम संविधान के मूल ढांचेका हिस्सा है. जब सुप्रीम कोर्ट यह कहता है तो सरकार उससे सहमत क्यों नहीं होती?”

मंगलवार को उत्तर प्रदेश में मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी.

दिसंबर में हाई कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में कोर्ट की निगरानी में सर्वे कराने की मांग स्वीकार कर ली थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्वे पर रोक लगायी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में दावा किया गया था कि शाही ईदगाह मस्जिद हिंदू समुदाय से जुड़ी है.