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प्रेम जनमेजय….गंगा के किनारे का छोरा बना व्यंग्य का बादशाह!
जयचंद प्रजापति · · गंगा के किनारे का छोरा बना व्यंग्य का बादशाह (प्रेम जनमेजय) ………………..….… साहित्य की नगरी इलाहाबाद ने एक से एक महान साहित्यकार का जन्म दिया है। यहां की मिट्टी ऐसी है कि हर विधा का लेखक कवि मिलेंगे। इसी समृद्धशाली शहर में व्यंग्य की दुनिया में एक बादशाहत हासिल करने वाले […]
जब स्कूल की पुरानी मैडम ने चपरासी को ओए कह के बुलाया, तो…
बुड़बक का पन्ना ========= जब स्कूल की पुरानी मैडम ने चपरासी को ओए कह के बुलाया, तो नई मैडम को उस चपरासी पर बड़ा तरस आया… बोली लोग जाने कहाँ से पढ़ कर आ जाते हैं भला ओए कहकर किसी को कभी बुलाते हैं ? फिर वो चपरासी से बोली सुनो, मैं शिष्टाचार निभाऊँगी तुम्हें […]
“क…क.. कुछ…कुछ नहीं”…लेकिन तुम्हारी काजल भरी बड़ी-बड़ी आँखों से डरकर दोबारा हिम्मत ही नहीं हुई…
Rashi Singh ============== सीढ़ियों से उतरती अपनी भीगी लटों को माथे से हाथों से संभालने की बेमानी कोशिश करती ललिता को नीचे खड़ा माही एकटक देखे जा रहा था। “क्या हुआ? ” ललिता ने हंसते हुए पूछा तो वह झेंप गया। “क … क.. कुछ.. कुछ नहीं। ” वह हकलाते हुए बोला। “देख तो ऐसे […]