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800 साल पुरानी अजमेर के ”अढ़ाई दिन का झोपड़ा मस्जिद” को लेकर भाजपा सांसद ने कहा-”यह भारतीय समाज के लिए कलंक है”

जयपुर।अजमेर के अढ़ाई दिन का झोपड़ा (मस्जिद) को लेकर भाजपा सांसद रामचरण बोहरा ने पहले विवादित बयान दिया और अब इसे लेकर केंद्र सरकर को पत्र भी लिख दिया है। जिसमें सरकार से इसे मूल स्वरूप में परिवर्तित करने की मांग की गई है। बोहरा ने कहा कि अढ़ाई दिन का झोपड़ा (Adhai Din Ka Jhopra) वेद पुराणों के प्रसारक का केंद्र रहा है, जिसे मोहम्मद गौरी के कहने पर कुतुबुद्दीन ऐबक ने तोड़ दिया था। इस्लामिक दासता यह चिह्न आज भी भारतीय समाज के लिए कलंक है।

झलकती है गुलामी की मानसिकता
इससे पहले सांसद बोहरा ने राजस्थान विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम इसे लेकर बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था- अढ़ाई दिन के झोपड़े से गुलामी की मानसिकता झलकती है। अब इससे मुक्ति पाने के दिन आ गए हैं। अब वह दिन दूर नहीं जब इस इमारत में फिर से संस्कृत के मंत्र गूंजेंगे और संस्कृत के मंत्रों का पाठ किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र भी मौजूद थे।

क्या है अढ़ाई दिन के झोपड़े का इतिहास?
1192 ईस्वी में अफगान सेनापति मोहम्मद गोरी के आदेश पर कुतुबुद्दीन ऐबक ने ‘अढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ बनवाया था। इससे पहले यहां संस्कृत विद्यालय और मंदिर थे, जिन्हें तोड़कर मस्जिद में बदल दिया गया था। इस झोपड़े के मुख्य द्वार पर संगमरमर से बना एक शिलालेख भी है, जिस पर संस्कृत विद्यालय का जिक्र किया गया है।

इस झोपड़े में 70 स्तंभ हैं, जो उन मंदिरों के हैं जिन्हें धवस्त किया गया था। इन स्तंभों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है और इनकी ऊंचाई 25 फीट के करीब है। झोपड़े का कुछ हिस्सा आज भी अंदर से मंदिर की तरह लगता है, हालांकि यहां बनाई गईं नई दीवारों पर कुरान की आयतें लिख दी गईं हैं, जिससे पता चलता है कि ये एक मस्जिद है। 90 के दशक में यहां मंदिरों की प्राचीन मूर्तियां बिखरी पड़ी थीं, जिन्हें बाद में संरक्षित किया गया था।

कहा जाता है कि इस मस्जिद को बनाने में 60 घंटे यानी ढाई दिन का समय लगा था, इसलिए इसका नाम ‘अढ़ाई दिन का झोंपड़ा’ पड़ गया। हालांकि, कुछ लोग इसके नाम को ढाई दिन के उर्स मेले से भी जोड़ते हैं।

Adv.Syed Ajaz
@Adv_ajaz
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Jan 15, 2022
“अढ़ाई दिन का झोंपड़ा”, 800 साल पुरानी अजमेर की एक मस्जिद, इसका निर्माण सिर्फ अढाई दिन में किया गया और इस कारण इसका नाम अढाई दिन का झोपड़ा पढ़ गया ये भारत की सबसे पुरानी मस्जिद मे शुमार है इसे भी पुरानी मस्जिद केरल की चेरामन जुमा मस्जिद है जो भारत की सबसे पुरानी मस्जिद है।#ajmer