

Related Articles
“क़र्ज़”……जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी…
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============= ” कर्ज……. विवाह के दो वर्ष हुए थे जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी …पति शहर से बाहर थे … जिस रिश्ते के भाई को स्टेशन से ट्रेन मे बिठाने को कहा था वो लेट होती ट्रेन की वजह से रुकने में मूड में नहीं था […]
उम्मीद का मौसम,,,,,,शायर – राम चरण राग
चित्र गुप्त ============== उस समय मैं गुवाहाटी में था जब रामचरण राग जी का फोन आया था कि अपना पता भेजिए एक किताब भेजना है। पता मैने भेज दिया था और पुस्तक प्राप्ति की प्रतीक्षा में था। कुछ समय बाद राग जी का फोन दोबारा आया कि आपने जो पता भेजा था वह डिलीट हो […]
यूँ भी तो कुछ लोग गुज़ारा करते हैं…..समीक्षा सिंह की रचनायें पढ़िये!
Samiksha Singh =========== अगर हम मुहब्बत का अंजाम लिखते तो’ हर हर्फ़ में दर्द का नाम लिखते वफ़ा की ज़रूरत कहाँ अब किसी को यही सिर्फ दुनियाँ में बदनाम लिखते ख़ता – ए – खुदाई भला छोड़ दें क्यों रहा सब खुदा का ही इलज़ाम लिखते कभी भी, किसी से, न करना मुहब्बत यही आख़िरी […]