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तुम मनसुख बाबा के ”असली वारिस” हो….
Ghanshyam Singh ———————– असली वारिस…. एक लगभग 80 वर्ष की वृद्धा ने खाना परोस रहे व्यक्ति के कान में धीमे से कहा- बेटा जुगल ! बड़े दिनों से गुलाब जामुन खाने का मन है । अगली बार आइयो तो बाबू लेके आइयो । जुगल मुस्कुराते हुए बोला – ठीक है अम्मा ले आऊँगा, पर तुम्हें […]
बाग़ उजड़ गए….द्वारिका प्रसाद अग्रवाल की कृति
द्वारिका प्रसाद अग्रवाल Lives in Bilaspur, Chhattīsgarh, India ========= बाग उजड़ गए : ========= बाग उजड़ गए बिही के. बिही जिसे अमरूद भी कहा जाता है, मेरे बिलासपुर के आसपास इसकी बेतरह पैदावार हुई करती थी. बिलासपुर से तखतपुर तक हज़ारों एकड़ जमीन, जिसे स्थानीय बोलचाल की भाषा में ‘बिही बाड़ी’ या ‘बिही बगैचा” कहते […]
धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे!
Kavita Krishnapallavi ============== धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे! ये इक्कीसवीं सदी के शुरुआती सौभाग्यशाली दशक थे जब विकटतम तिमिराच्छन्न दिनों के बावजूद हिन्दी भाषा के सभी अच्छे कवि इतने अच्छे थे, इतने अच्छे थे कि फ़ासिस्ट और हत्यारे तक उनकी कविताई के क़ायल थे I उनके दिल इतने अच्छे थे, इतने […]