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नया साल और फ़लस्तीन…By-Farooque Rasheed Farooquee

Farooque Rasheed Farooquee
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. नया साल और फ़लस्तीन
बड़ी तकलीफ़ों के साथ ये नया साल शुरू हुआ। फ़लस्तीन और ग़ज़ा के मुसलमानों की ज़िन्दगी और मौत को अपने सामने देखकर हर ईमान वाला और हर इंसान ग़मगीन है। ग़ज़ा में मासूम शहरियों, बच्चों और औरतों को बुरी तरह ज़ख़्मी और क़त्ल किया जा रहा है, अस्पतालों पर हमला किया जा रहा है। जो डाॅक्टर मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं इसराइली फ़ौज उन्हें क़त्ल कर रही है। डेढ़ लाख फ़लस्तीनी शहीद हो चुके हैं। जो पत्रकार ये ज़ुल्म दिखा रहे हैं उन्हें और उनके ख़ानदान वालों को भी इसराइली फ़ौज मार रही है। इसराइल बिल्कुल नहीं चाहता कि एक भी शहरी ग़ज़ा और फ़लस्तीन में ज़िन्दा रहे। अमेरिका और इसराइल जैसा शैतान और दरिंदा दुनिया में कोई नहीं। इसराइल यमन से लड़ रहा है, सीरिया से लड़ रहा है और लेबनान से लड़ रहा है। UNO बहुत खुले अल्फ़ाज़ में इसराइल को बुरा कहता है। इसराइल का प्रधानमंत्री अपनी गद्दी बचाने के लिए पागल हो गया है। दस लाख यहूदियों ने इसराइल छोड़ दिया है और यह कहा है कि यहाॅं ज़िन्दगी महफ़ूज़ नहीं है। इसराइल का प्रधानमंत्री पूरी तरह इसराइल को बर्बाद कर देगा। हमास ने इसराइल के 1200 टैंक तबाह किए हैं और उनके हज़ारों फ़ौजी मार दिए हैं। अभी तक हमास के किसी बड़े मुजाहिद को नुक़सान नहीं पहुॅंचा है। इसराइल कभी हमास को ख़त्म कर ही नहीं सकता। इंशा अल्लाह! मैं इस नए साल में आज़ाद फ़लस्तीन और उसकी ख़ुशहाली के लिए दुआ करूॅंगा।

मैं श्री रामचन्द्र जी का सम्मान करता हूॅं। लेकिन अयोध्या में मस्जिद में मूर्ति रखना और मस्जिद तोड़ना दोनों ही पूरी तरह ग़लत हैं। यह बात सुप्रीम-कोर्ट ने मानी है। मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी। वोटों की राजनीति के लिए मस्जिद तोड़ दी गई। मस्जिद तोड़कर राम मंदिर बनाना ग़लत है। मैं सुप्रीम कोर्ट के मंदिर बनाने के आदेश से पूरी तरह असहमत हूॅं। किसी इमारत को गिराकर और उसकी खुदाई करवा के आर्कियोलॉजिकल सर्वे करवा के उसकी मिल्कियत का फ़ैसला करना सिर्फ़ एक दिखावा, तमाशा और ड्रामा है। मक़सद सिर्फ़ यह था कि मुसलमानों को यह अहसास दिलाया जाए कि हिन्दुओं ने दिन-दहाड़े मुसलमानों की मस्जिद गिरा कर मंदिर बना लिया। इसमें मुसलमानों को बेइज़्ज़ती और हिन्दुओं को इज्ज़त का अहसास दिलाया गया और यही संदेश पूरे देश में फैलाया गया। वहाॅं मस्जिद थी और मस्जिद ही बनना चाहिए। वह जगह श्री रामचन्द्र जी का जन्मस्थान है ही नहीं। हम एक धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए दुआ करते हैं।

(फ़ारूक़ रशीद फ़ारूक़ी)