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उस गाव में एक फ़क़ीर आया, महामूर्ख ने उस फ़क़ीर के चरण पकड़े और कहा….
Apna mohalla-अपना मोहल्ला =========== एक गांव में एक महामूर्ख था। वह बहुत परेशान था, क्योंकि वह कुछ भी कहता लोग हंस देते; लोग उसको महामूर्ख मान ही लिये थे। वह कभी ठीक भी बात कहता तो भी लोग हंस देते। वह सिकुड़ा सिकुड़ा जीता था, बोलता तक नहीं था। न बोले तो लोग हंसते थे, […]
जो पूरे ना हो सके वो ख़ाब….डॉ. विजया सिंह की रचनायें पढ़िये!
Dr.vijayasingh Alwar, India, Rajasthan Dr.vijayrani1@gmail.com ============== जो पूरे ना हो सके वो ख्वाब उनका टूट जाना ही अच्छा जो ना बन सके कभी अपने उनका रूठ जाना ही अच्छा यूँ तो सफर कटता नहीं अकेले मगर बेवफा सनम से तन्हाई का आलम ही अच्छा चिरागों की रोशनी से ख़फ़ा तो नहीं मैं मगर उनकी बेतुकी […]
यह वही ‘भाड़’ है जहाँ गुस्साया हुआ आदमी जाने को बोलता है और जिसे ‘अकेला चना’ कभी नहीं फोड़ सकता!
Sanjay Khare ============ यह वही ‘भाड़’ है जहाँ गुस्साया हुआ आदमी जाने को बोलता है और जिसे ‘अकेला चना’ कभी नहीं फोड़ सकता। इसे देखकर कुछ याद आया?कुछ लोगों को बचपन में शायद यह ‘भाड़’ देखने का सौभाग्य मिला हो,जो अब लगभग लुप्तप्राय है। इस ‘भाड़’ में एक तरफ मुँह (Inlet) होता था। जिधर से […]