Kranti Kumar
@KraantiKumar
माफ करना किसी भी धर्म में साइंस नही है और धर्म में साइंस खोजना भी नही चाहिए. हज़ारों सालों से हम धर्म में साइंस खोज रहे हैं. अब यह बंद होना चाहिए.
तकनीक और विज्ञान में अंतर करना सीखना होगा.
तकनिक अपनाने के लिए सोच नही बदलनी पड़ती. उदाहरण के लिए मिडिल ईस्ट देशों ने यूरोप से इम्पोर्ट कर उच्चतम स्तर की तकनीक अपनाई है.
प्रसिद्ध साइंस हिस्टोरियन प्रो. सैयद इरफान हबीब का कहना है, “मगर विज्ञान आपको सोच बदलने की मांग करता है”. विज्ञान आपको कुछ नया सोचने को मजबूर करता है, जो पहले कभी किसी ने नही सोचा.
जिस समाज में सोचने की आज़ादी नही होगी. या केवल खास वर्ग को सोचने की आज़ादी होगी वहां साइंस पैदा ही नही होगा.
भारत में साइंस और तकनीक के बीच मौजूद दूरी की वजह जाति वर्ण अव्यवस्था है. भारत में हाथ से काम करने वाले लोग और हैं यानी OBC SC ST और सोचने वाले लोग दूसरे हैं यानी कुछ मुट्ठीभर विशेषाधिकार प्राप्त जातियां.
इसी कारण भारत की भूमि नए शोध और आविष्कारों से वंचित रही.
Photo : Computer Scientist and Mathematician, Annie Easley (NASA)
पेरिस ओलंपिक, 2024 में अब चंद महीने बचे हैं। जुलाई में ओलंपिक खेल शुरू हो जाएँगे। कुश्ती संघ के विवाद में भारत कोई मेडल न गँवा बैठे, इसके लिए मेरे दो सुझाव भारत सरकार को हैं।
1. बबिता फोगाट को कुश्ती संघ का अस्थायी अध्यक्ष बनाकर भारत अपनी तैयारियों में जुटे।
2. भारत की सबसे… pic.twitter.com/MOboMysNsC— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) December 27, 2023