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फ्रांस के महान वैज्ञानिक लुई पास्चर चमार जाति से थे, उनका जन्म चमार परिवार में हुआ था!

Kranti Kumar
@KraantiKumar
माफ करना किसी भी धर्म में साइंस नही है और धर्म में साइंस खोजना भी नही चाहिए. हज़ारों सालों से हम धर्म में साइंस खोज रहे हैं. अब यह बंद होना चाहिए.

तकनीक और विज्ञान में अंतर करना सीखना होगा.

तकनिक अपनाने के लिए सोच नही बदलनी पड़ती. उदाहरण के लिए मिडिल ईस्ट देशों ने यूरोप से इम्पोर्ट कर उच्चतम स्तर की तकनीक अपनाई है.

प्रसिद्ध साइंस हिस्टोरियन प्रो. सैयद इरफान हबीब का कहना है, “मगर विज्ञान आपको सोच बदलने की मांग करता है”. विज्ञान आपको कुछ नया सोचने को मजबूर करता है, जो पहले कभी किसी ने नही सोचा.

जिस समाज में सोचने की आज़ादी नही होगी. या केवल खास वर्ग को सोचने की आज़ादी होगी वहां साइंस पैदा ही नही होगा.

भारत में साइंस और तकनीक के बीच मौजूद दूरी की वजह जाति वर्ण अव्यवस्था है. भारत में हाथ से काम करने वाले लोग और हैं यानी OBC SC ST और सोचने वाले लोग दूसरे हैं यानी कुछ मुट्ठीभर विशेषाधिकार प्राप्त जातियां.

इसी कारण भारत की भूमि नए शोध और आविष्कारों से वंचित रही.

Photo : Computer Scientist and Mathematician, Annie Easley (NASA)

Kranti Kumar
@KraantiKumar
◆ फ्रांस के महान वैज्ञानिक लुई पास्चर चमार जाति से थे. उनका जन्म चमार परिवार में हुआ था. उनके पिता चर्मशोधन का महान कार्य करते थे.

जिसमें जनवार की खाल को एक टिकाऊ चमड़े में बदलने का कठिन परिश्रम करते थे. इस काम में लुई पास्चर भी अपने पिता की मदद करते.

◆ अब आप सोच रहे होंगे मैंने लुई पास्चर को चमार क्यों कहा ? अगर लुई पास्चर का जन्म वर्णवादी फ्यूडल इंडिया में हुआ होता तो क्या उन्हें भारतीय समाज चमार नही कहता ? भारत में उन्हें शिक्षा और समान नागरिक अधिकार नही होता.

भारत में चमार महार पासी गड़ेरिया लोहार श्रम उत्पादन से जुडी जातियों के पेशों को हिन्दू संस्कृति में सम्मान की नजर से नही देखा जाता. लेकिन भारत को छोड़कर पूरी दुनिया में चमड़े का कार्य हो या इतर श्रम उत्पादन से जुड़े कार्यों का बहुत मान सम्मान है.

◆ श्रम करने से दिमाग विकसित होता है. नयी सोच का जन्म होता है. लुई पास्चर ने विज्ञान की दुनिया में बहुत बड़ा योगदान दिया.

वाइन डिब्बा बंद भोजन पैकेट और पैक दूध को जीवाणु संदूषण से बचाने की नई पद्धति का आविष्कार किया. बाद में उन्होंने पूरे मानव जाति को रैबीज़ और एंथ्रेक्स जैसे गंभीर बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन का आविष्कार भी किया.

◆ आज लुई पास्चर की जयंती है. इस दुनिया को सुंदर बनाने में अहम योगदान देने के लिए उन्हें कोटि कोटि नमन.

Photo : The Great Scientist Louis Pasteur.