Related Articles
तो क्या सब कुछ यहीं ख़त्म हो जाएगा?…. संपादक आशीष कुमार शुक्ला का लेख पढ़िये!
पत्रकार आशीष कुमार शुक्ला (संपादक आशीष कुमार शुक्ला) ============== मैं अब तक मम्मी पापा भाई या फिर दोस्तों से डांट सुन सुन कर लगभग सुधर गया हूं सोच लिया अब कोई काम करना है एक अच्छी सी लड़की से शादी करके तुम्हें भी दिखा देना है और सबको यही बोलूंगा कि भुला दिया है मैंने […]
जरा सा तो पहले मिले होते हमदम
संजय नायक ‘शिल्प’ ============== जरा सा तो पहले मिले होते हमदम उस पहाड़ी सड़क के घुमावदार रस्ते से दोनों बहुत खुशी से जा रहे थे। आज घरवालों को उन दोनों के रिश्ते की मंजूरी मिल गई थी। दोनों पहली बार मनाली के लिए निकले थे। अचानक लड़की को न जाने क्या सूझा, उसने लड़के को […]
धीरज श्रीवास्तव चित्रांश का एक गीत पढ़ने के साथ सुनिए भी…
धीरज श्रीवास्तव चित्रांश =========== पढ़ने के साथ सुनिए भी… एक सत्य घटना से उपजा परिस्थिति जन्य यह गीत.. एक प्रेमी प्रेमिका गाँव छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर मिलने की योजना बनाते हैं प्रेमिका सारे रिश्ते तोड़ कर आ जाती है किंतु प्रेमी कुटिलता के चलते नहीं आता है उस प्रेमी के पश्चाताप को रेखांकित […]