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बीजेपी का उभार और जाट राजनीति का पतन

Kranti Kumar
@KraantiKumar
बीजेपी का उभार और जाट राजनीति का पतन विषय पर वरिष्ठ पत्रकार और बुद्धिजीवी
@Profdilipmandal
की थीसिस.

(विचार ज़रूर व्यक्त करें, ताकि इसमें आवश्यक सुधार करने का अवसर मिल सके)

1990 तक उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में जाट किसान राजनीति का बोलबाला था। पंजाब, हरियाणा, यूपी, दिल्ली और राजस्थान के क़द्दावर जाट किसान नेताओं का राष्ट्रीय राजनीति में रुतबा था। एक समय में चार राज्यों के मुख्यमंत्री जाट रहे। वे प्रधानमंत्री और डिप्टी प्रधानमंत्री बने। उन्होंने जिसे चाहा प्रधानमंत्री बनाया।

चरण सिंह और देवीलाल पूरे देश के किसानों के नेता थे। एमएसपी और गन्ने के न्यूनतम सरकारी मूल्य से इलाक़े में अमीरी आई। यहाँ का उगाया हुआ अनाज पूरे देश ने खाया।

फिर बीजेपी का उभार होता है। धर्म के आधार पर नफ़रत बढ़ती है। राममंदिर आंदोलन में हिंसा बढ़ने के साथ जाट नेताओं ने मुस्लिम समर्थन खो दिया। जाट नेता अपना चुनाव हारने लगे।

हिंदू, मुसलमान और सिख तीनों धर्मों में जाट होते हैं। वे बिखर गए।

जाटों का एक हिस्सा बीजेपी में गया लेकिन वहाँ कोई नेता नहीं उभर पाया। जैसे जैसे बीजेपी बढ़ती गई, जाट किसानों की राजनीति सिमटती चली गई। बीजेपी ने जाटों के ख़िलाफ़ ऐसा सामाजिक समीकरण बनाया कि हरियाणा में भी अगला जाट मुख्यमंत्री कब बनेगा, कहना मुश्किल है।

आज राष्ट्रीय राजनीति में कोई दिग्गज जाट नेता नहीं बचा। नए क़ानूनों के बाद अगर एमएसपी और फसलों की सरकारी खरीद ख़त्म होती है तो राजनीतिक सत्ता गँवा चुके जाट, अपनी आर्थिक ताक़त भी खो देंगे।

फिर भी कुछ जाट खुश हैं कि बीजेपी ने उनका लाख बुरा किया, लेकिन मुसलमानों को तो टाइट करके रखा है!

 

 

Kranti Kumar
@KraantiKumar
लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत रखना है तो मिमिक्री का विरोध नही होना चाहिए. मिमिक्री एक कला है.

मिमिक्री केवल मनोरंजन के लिए नही की जाती, मिमिक्री का इस्तेमाल आंदोलन और प्रोटेस्ट को प्रभावी बनाने में भी किया जा सकता है.

अमेरिका और यूरोप में राष्ट्राध्यक्षों के समक्ष कलाकार उनकी मिमिक्री करते हैं. मिमिक्री के द्वारा उनकी नीतियों की आलोचना की जाती है.

अमेरिका के प्रसिद्ध स्टैंड अप कॉमेडियन ट्रेवोर नोआह बिल क्लिंटन से लेकर जो बिडेन तक सभी की मिमिक्री कर आलोचना कर चुके हैं.

वर्ष 2021 में वाइट हाउस डिन्नर पार्टी में ट्रेवोर नोआह ने जो बिडेन की मिमिक्री कर उनपर राजनीतिक कटाक्ष किया. जो बिडेन ने ताली बजाकर स्वागत किया.