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‘इंडिया’ गठबंधन के दो तिहाई से अधिक 95 सांसद निलंबित, भारत में लोकतंत्र अंतिम सांसें ले रहा है? : रिपोर्ट .

लोकसभा से सिलसिलेवार तरीके से विपक्षी सांसदों के निलंबन के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन के दो तिहाई से अधिक सांसद संसद के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे.

विपक्षी कांग्रेस के केवल नौ सांसद ही लोकसभा में रह गए हैं. उनमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं.

मंगलवार को विपक्ष के 49 सांसदों के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा से निलंबित हुए सांसदों की संख्या बढ़कर 95 हो गई है. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के पास लोकसभा में 138 सांसद है जिनमें 43 सांसद अभी बचे हुए हैं.

मंगलवार को निलंबित किए गए सांसदों की सूची

शशि थरूर, मनीष तिवारी, कार्ती चिदंबरम, वी वैठीलिंगम, गुरजीत सिंह औजला, सप्तगिरि शंकर उलाका, अदूर प्रकाश, अब्दुल समाद, प्रद्युत बोरदोलोई, गिरधारी यादव, गीता कोडा, फ़्रांसिस्को सार्डिन्हा, एस जगतरक्षकन, एस आर प्रतिबन, फ़ारूक अब्दुल्ला, ज्योतसन महंत, गणेश मूर्ति, माल रॉय, पी वेलुसामी, ए चेल्लाकुमार, सुदीप बंदोपाध्याय, डिंपल यादव, हसनैन मसूदी, दानिश अली, खलीलुर्रहमान, राजीव रंजन सिंह, सेंथिल कुमार, संतोष कुमार, दुलाल चंद्र गोस्वामी, रवनीत सिंह बिट्टू, दिनेश यादव, के सुधाकरन, मोहम्मद सादिक़, एम के प्रसाद, पी पी मोहम्मद फ़ैज़ल, सजदा अहमद, जसवीर सिंह गिल, महाबली सिंह, अमोल कोहले, सुशील कुमार रिंकू, सुनील कुमार सिंह, डॉक्टर एस टी हसन, धनुष कुमार, प्रतिभा सिंह, थोल तिरुमावलवन, चंद्रेश्वर प्रसाद, आलोक कुमार सुमन, दिलेश्वर कामत

क्या भारत में लोकतंत्र अंतिम सांसें ले रहा है?

पिछले 13 दिसम्बर को भारतीय संसद में सुरक्षा चूक मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग लेकर दोनों सदनों में हंगामा जारी है।

हंगामे के बाद कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, डीएमके के टीआर बालू और दयानिधि मारन और तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय सहित कुल 33 विपक्षी सदस्यों को सोमवार को सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।

वहीं, राज्यसभा से भी कुल 45 सांसदों को शीतकालीन सत्र के शेष समय के लिए ध्वनि मत से निलंबित कर दिया गया। इस तरह सोमवार को दोनों सदनों से कुल 78 सांसदों को निलंबित किया गया और गुरुवार 14 दिसम्बर से अब तक दोनों सदनों से निलंबित किए गए कुल विपक्षी सांसदों की संख्या 92 हो गई है जिसमें 46 लोकसभा और 46 राज्यसभा के सांसद हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 1982 के बाद से यह निलंबन की सबसे अधिक संख्या है जब राजीव गांधी शासन के तहत 63 सांसदों को निलंबित किया गया था।

ज्ञात रहे कि संसद की सुरक्षा में सामने आई चूक के मामले में गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग करने पर विपक्ष के 13 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद को बीते 14 दिसम्बर को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था, विपक्षी सांसद इस मामले पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष सहमत नहीं हुए थे।

राज्यसभा सांसद और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने निलंबन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि तानाशाह मोदी सरकार द्वारा अभी तक 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर सभी लोकतांत्रिक प्रणालियों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है।

राज्यसभा में सांसदों के निलंबन को ‘खूनखराबा’ करार देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ‘यह भारत में लोकतंत्र की हत्या है।

कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि संसदीय प्रणाली में सरकार से जवाबदेही की मांग करने पर सांसदों को निलंबित किया जाना’ चौंकाने वाला है।

राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि लोकतंत्र के आज के काले दौर में निलंबन सम्मान का प्रतीक है, निलंबन किस लिए? क्योंकि हम गृह मंत्री से एक आधिकारिक बयान मांग रहे हैं?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ‘लोकतंत्र का मज़ाक’ बना रही है।

दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति का ‘अपमान’ करने और अपने आचरण से देश को ‘शर्मिंदा’ करने का आरोप लगाया है।