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मोदी ने भारत के हितों की रक्षा के लिए सख़्त रुख अपनाया, वो किसी दबाव में नहीं आए : पुतिन ने की मोदी की तारीफ़

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा है कि मोदी ने भारत के हितों की रक्षा के लिए सख़्त रुख अपनाया और वो किसी दबाव में नहीं आए.

राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को साल 2024 के रूस के राष्ट्रपति चुनावों में फिर से उम्मीदवारी पेश करने की घोषणा भी कर दी है.

रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति भारत और रूस के मज़बूत हो रहे द्वपक्षीय संबंधों की मुख्य गारंटर है.

पुतिन ने ये टिप्पणी ‘रशिया कॉलिंग’ फ़ोरम में की है.

पुतिन ने कहा है कि वो ये कल्पना नहीं कर सकते हैं कि ‘मोदी को डराया जा सकता है या कोई ऐसा क़दम उठाने या निर्णय लेने के लिए मजबूर किया जा सकता है जो भारत के लोगों या भारत के हितों के विपरीत हो.’

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक़ रूस के राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत और रूस के बीच रिश्ते हर क्षेत्र में मज़बूत हो रहे हैं.

उन्होंने कहा है कि ‘कई देश जो मोदी पर दबाव बना रहे हैं वो उसे महसूस कर सकते हैं.’

रूस की समाचार सेवा तास के मुताबिक़ पुतिन ने ये भी कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके बीच इस विषय पर कभी भी कोई चर्चा नहीं हुई है.

पुतिन ने कहा, “जो हो रहा है मैं उसे सिर्फ़ बाहर से देख रहा हैं, और कई बार, स्पष्ट रूप से कहूं तो, मैं भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उनके इस सख़्त रुख से हैरान भी हो जाता हूं.”

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर सख़्त प्रतिबंध लगाये थे. इस युद्ध को लेकर भारत ने कभी सार्वजनिक रूप से रूस की आलोचना नहीं की है और और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद सस्ती दरों पर रूस से तेल ख़रीदा है.

ये पहली बार नहीं है जब पुतिन ने मोदी की तारीफ़ की है.

इससे पहले जून में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था, ”नरेंद्र मोदी रूस के गहरे दोस्त हैं. पीएम मोदी ने कुछ साल पहले मेक इन इंडिया योजना को लागू किया था. इस योजना का भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ा. अगर हम भी मेक इन इंडिया का अनुकरण करें तो इसमें कोई हानि नहीं है. भले ही यह हमारी योजना नहीं है लेकिन हमारे दोस्त की है. ”

भारत ने भी रूस के साथ अपने संबंधों का हमेशा बचाव किया है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर कह चुके हैं कि तमाम चुनौतियों के बावजूद रूस और भारत के संबंध अडिग हैं.