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*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳**💐💐सरहद के बिना दुनिया💐💐*By-Satyavir Singh Bhuria
Satyavir Singh Bhuria ============= *🌳🦚आज की कहानी🦚🌳* *💐💐सरहद के बिना दुनिया💐💐* राजस्थान के झुंझुनूं जिले का छोटा सा गांव था नयासर । शहर के कोलाहल से बहुत दूर , यहां शान्ति ही शान्ति थी । नंदाराम कस्वां अपने माता पिता और दो बडे भाईयो के साथ रहता था । बचपन मे उसने अपनी दादी जी […]
“एक कामवाली और लगवा लीजिए…
Madhu Singh ========== सुरभि कितनी बार बोला है तुम्हें अगर तुम्हारे पास वक्त नहीं है तो तुम नौकरी छोड़ दो। कम से कम मेरे खाने के लिए कामवाली ही रख लो, मानव की पत्नी (नेहा) को मैं कुछ कह नहीं सकता पर हर रोज एक जैसी सब्जी खाकर मैं उब गया हूं। तुम जानती हो […]
इस अभाव और ग़रीबी से निकलना है, तो शिक्षा की मशाल जलानी होगी, अन्यथा यहीं छटपटाते हुए जीवन व्यर्थ हो जाएगा
Madhu Singh ==================== “मम्मीजी, आप ज़रा चाचाजी को कुर्सी पर बैठने को कहिए, देखिए तो, लॉन में कैसे बैठे हैं.” बहू सुप्रिया के कहने पर मालती ने लॉन की ओर देखा काका भैरोमल आराम से घुटने तक धोती खिसकाए मूंगफली टूंगते हुए धीरे-धीरे तेल से घुटने की मालिश कर रहे थे. वो कुछ कहती उससे […]