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#अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना….By_लतिका श्रीवास्तव
Betiyan.in ============== जब मैं था तब हरि नही अब हरी है मैं नाहि…. पीयूष बेटा तेरे पिता तुझे बहुत याद कर रहे हैं अंतिम समय में तुझे देखना चाहते हैं एक बार आ जा बेटा….दमयंती जी करुणा विगलित स्वर में अपने इकलौते चिराग पियूष से प्रार्थना कर रहीं थीं। मां कोशिश कर रहा हूं कंपनी […]
उसे बस बोलना आता था, वह कुछ भी बोल सकता था : नंदू पूरे गांव में अपने धड़े का इकलौता वक्ता था!
चित्र गुप्त ============ वामपंथी ******* नंदू पूरे गांव में अपने धड़े का इकलौता वक्ता था। उसके बोलने पर लोग मरने मारने पर उतारू हो जाते थे। उसने कई सारी घटनाओं के इतिहास और भूगोल को व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से पढ़कर तोते की तरह कंठस्थ कर रखा था। उसे जब भी मौका मिलता बेलगाम शुरू हो जाता […]
वो शायद भगवान भी नहीं कर सकते, मां वो जो मन पढ़ ले…..By-Santosh Kumar Pant
Santosh Kumar Pant ============= · मां और शहर ———-:————– ईजा (मां).. ईजा (मां)….मि ऐ गईं (मैं आ गया हूं)..यह कहते हुए मैं अभी अभी ‘शहर’ से लौटा था, और मां से पूरे 1 साल के बाद मिला था,मां से लिपटा…लगा जैसे समंदर ने हज़ार नदियों को अपने अंदर समेट लिया हो।हजारों बरस तक अलग न […]