सेहत

आप सबकी कुल्फ़ा भाजी हमारे तरफ़ की अमलोनी का साग…. @अरूणिमा सिंह की क़लम से

अरूणिमा सिंह
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आप सबकी कुल्फा भाजी हमारे तरफ की अमलोनी का साग है।
इस साग को मै ने हमारी तरफ कभी किसी को खेत में इसके लिए अलग भूमि बनाकर बोते नहीं देखा है। ये हमेशा हमारे गृह वाटिका में सब्जियों की क्यारी में स्वयं उग आता है। ये हमारी सब्जियों के बीच यू पसरा रहता है मानो प्रकृति ने हरी हरी कोमल पत्तों की कालीन बिछा रखी हो। इसे उखाड़ने के बजाय इनकी कोमल कोपल तोड़ कर बनाये जड़ जमीन में यू ही छोड़ दे कुछ दिन बाद ये फिर से आपको साग का लाभ देने के लिए तैयार हो जायेगा।
जो चीज हमें प्रकृति स्वयं देती है हम उसे बोने, उगाने देखरेख करने में मेहनत नहीं करते है बिन मेहनत के सिर्फ फल मिलता है उसका लाभ मिलता है वो हमें ईश्वर कहें या प्रकृति कहें इनकी तरफ से उपहार स्वरूप मिलता है। हम इनका उपयोग करते है, लाभ लेते है तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम इनके लिए कम से कम इतना करें कि इन्हे नुकसान तो न पहुचाये। इनके बीज सरंक्षित नहीं करते हो न करो धरती माँ तो संरक्षित करने के लिए है ही वो अपने गर्भ में सब समेटे रहती है लेकिन हम सब क्या करते है इन्हे खर पतवार समझकर इन पर खतरनाक रासायन का छिड़काव करके इनका पौधा, जड़, बीज समेत जलाकर इनका समूल नास कर देते है।
इस अमलोनी के पौधे का स्वाद खट्टा होता है साग भी कुछ कुछ खट्टा ही होता है। इसके पौधे में लिसलिसापन होता है।
मैंने हमेशा इसे सरसों या पालक जैसे साग में मिलाकर ही साग बनाया है।
आप सब निरी लोनी का साग कैसे बनाते है विधि कॉमेट में अवश्य बताये और इसके गुण दोष भी अवश्य बताये।
अरूणिमा सिंह