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फ़िलिस्तीन के हाथों इस्राईल की पराजय पर बैरूत में जश्न, हिज़्बुल्लाह के हमलों में तबाह इस्राईली सैन्य ठिकानों की लगी प्रदर्शनी!

फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ के हाथों इस्राईल की पराजय पर लेबनान की राजधानी बैरूत में जश्न का माहौल है। कल शनिवार को लेबनानियों ने ज़ायोनी शासन के झंडे जलाए और मिठाइयां बाटीं।

लोग दक्षिणी लेबनान के उन इलाक़ों की ओर लौटने लगे हैं जो ज़ायोनी सेना के हमलों की रेंज में होने की वजह से ख़ाली कर दिए गए थे।….लेबनानी महिला का कहना है कि हम उदैसा शहर के रहने वाले हैं। वहां इस्राईल की हवाई हमलों और तोपखाने के हमलों की वजह से हमने वह इलाक़ा ख़ाली किया था। लेकिन शहीदों के ख़ून और रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ की क़ुरबानियों की बरकत से हम अपने शहरों में वापस आए हैं।….एक लेबनानी नागरिक ने लगभग 500 मीटर की दूरी पर नज़र आ रहे इस्राईली सेना के ठिकाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह इस्राईली सेना का ठिकाना है उसे हिज़्बुल्लाह ने ध्वस्त कर दिया।

ग़ज़ा पट्टी में संघर्ष विराम लागू हो गया है मगर लेबनान से मिलने वाले मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन के सीमावर्ती इलाक़ों में इस्राईली सैनिक अपने ठिकानों पर लौटने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। सीमावर्ती ठिकानों में ज़ायोनी सैनिकों की आवाजाही का कोई लक्षण नज़र नहीं आता। मगर लेबनानियों की यह स्थिति है कि वे अलग अलग इलाक़ों से सीमावर्ती बस्तियों में आ रहे हैं ताकि ध्वस्त हो चुके इस्राईली सेना के ठिकानों को देखें।….एक लेबनानी नागरिक का कहना है कि हमारी जानें रेज़िस्टेंस मोर्चे पर क़ुरबान हो जाएं जो इतनी मज़बूती और साहस से देश की रक्षा कर रहा है। हम लोग बैरूत और नबतिया से आए हैं ताकि रेज़िस्टेंस मोर्चे की विजय के नज़ारे अपनी आंख से देखें। लगभग 50 ज़ायोनी बस्तियां जो सीमावर्ती इलाक़ों में हैं 40 दिन से ज़्यादा समय से पूरी तरह ख़ाली पड़ी हैं। युद्ध विराम हो जाने के बाद भी वहां किसी भी प्रकार की आवाजाही नज़र नहीं आती। इस्राईली मीडिया का कहना है कि संघर्ष विराम हो जाने बाद भी यही लगता है कि सीमावर्ती बस्तियों के 70 हज़ार से अधिक ज़ायोनी अभी जल्दी तो इन इलाकों में लौटने वाले नहीं हैं। उदैसा दक्षिणी लेबनान से आईआरआईबी के लिए हसन अज़ीमज़ादे की रिपोर्ट।