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ईरान और तुर्कमेनिस्तान का 17वां संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग 17 और 18 नवम्बर को इश्क़ाबाद में आयोजित किया जाएगा

ईरान और तुर्कमेनिस्तान का 17वां संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग 17 और 18 नवम्बर को इश्क़ाबाद में आयोजित किया जाएगा।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज़रपाश ने देश के कार्यकारी निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग के संयुक्त आयोग की बैठक में भाग लिया।

दोनों देशों का 16वां संयुक्त आर्थिक आयोग दो साल पहले तेहरान में आयोजित किया गया था। रेल पारगमन और परिवहन, सीमा बाज़ार, दोनों देशों के बीच गैस और बिजली का स्थानांतरण, व्यापार और निवेश, बैंकिंग और वित्तीय मुद्दे, उन मुद्दों में से हैं जो ईरान और तुर्कमेनिस्तान के आर्थिक सहयोग के लिए 17वें संयुक्त आयोग के एजेंडे में है।

तुर्कमेनिस्तान मध्य एशिया का एकमात्र देश है जिसकी ज़मीनी सीमा ईरान से मिलती है। ईरान और तुर्कमेनिस्तान के के बीच चार ज़मीनी सीमाएं मिलती हैं जो लगभग 900 किलोमीटर लंबी है जबकि दोनों देशों के बीच 300 किमी लंबी समुद्री सीमाएं भी हैं।

एक ओर मध्य एशियाई देशों को फ़ार्स की खाड़ी और यूरोप के पानियों से जोड़ने वाले प्रवेश द्वार के रूप में ईरान की भौगोलिक स्थिति और दूसरी ओर मध्य एशियाई देशों और चीन के प्रवेश द्वार के रूप में तुर्कमेनिस्तान की पोज़ीशन, दोनों देशों के विशेष और रणनीतिक स्थान को बयान करते हैं।

तुर्कमेनिस्तान की आज़ादी के बाद से ही ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं और इन संबंधों को कुछ साल पहले ही ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों तथा गैस के बक़ाए की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

इसके बावजूद, ईरान की वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद से ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच विभिन्न राजनीतिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और पिछले वर्ष ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच व्यापार लगभग 490 मिलियन डॉलर था जिसमें 460 मिलियन डॉलर ईरान का निर्यात था और लगभग 29 मिलियन डॉलर तुर्कमेनिस्तान से आयात था। तेहरान का कहना है कि उसका इरादा दोनों देशों के बीच व्यापार को 3 अरब डॉलर संख्या पहुंचाने का है।

पिछले वर्ष इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सरदार बर्दी मोहम्मदओफ़ और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात के दौरान संयुक्त सहयोग आयोग को सक्रिय करने की आवश्यकता पर बल दिया था। उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की सरकार की नीति पड़ोसी देशों के साथ संबंधों का विस्तार करना है।

ज़ाहिर सी बात है कि सांस्कृतिक और धार्मिक समानताएं, लंबी सीमाएं और आर्थिक क्षमताओं की वजह से ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच दीर्घकालिक सहयोग का आधार बना है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान और तुर्कमेनिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग पर 17वें संयुक्त आयोग के आयोजन से दोनों पक्षों के आर्थिक संबंधों को नई दिशा मिलने की आशा की जा रही है।