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ग़ज़ा में जनता पर ज़ायोनी शासन के बर्बर हमलों से पश्चिमी देशों में इस्राईल को लेकर बढ़ती जा रही है अपनी सरकारों से जनता की नाराज़गी!

पश्चिमी देशों में इस्राईल को लेकर अपनी सरकारों से बढ़ती जा रही है जनता की नाराज़गी

ग़ज़ा में जनता पर ज़ायोनी शासन के बर्बर हमलों में 11 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनियों की शहादत और तीस हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनियों के घायल होने और इसी तरह इस्राईल की हैवानियत को देखते हुए पश्चिमी सरकारों के इस्राईल से संबंधित हिमायती रुख़ की कड़ी आलोचना की जाने लगी है।

अमरीकी सरकार के 400 से अधिक अधिकारियों और चुने हुए लोगों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिखकर ग़ज़ा जंग में इस्राईल का समर्थन करने पर अमरीकी सरकार की आलोचना की है। यह 400 लोग लगभग 40 सरकारी संस्थाओं से तअल्लुक़ रखते हैं और उनका पत्र बाइडन सरकार की ग़ज़ा जंग से संबंधित नीतियों पर अमरीका के भीतर बढ़ते असंतोष और आक्रोश का चिन्ह है। पत्र लिखने वाले अधिकारियों ने जो बाइडन से कहा है कि वो ग़ज़ा में तत्काल संघर्ष विराम करवाएं और वहां की पीड़ित जनता तक मानवीय सहायता पहुंचाने का रास्ता खोलें।

हालिया दिनों में इसी प्रकार के और भी पत्र अमरीका के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे गए हैं। कई सरकारी अधिकारियों ने विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन को भी पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। इससे पहले यूएस एजेंसी फ़ार इंटरनैश्नल डेवलपमेंट के 1 हज़ार से अधिक कर्मचारियों ने खुला पत्र लिखकर वाशिंग्टन की नीतियों की निंदा की थी।

यूरोप में भी यही स्थिति है, ज़ायोनी शासन का समर्थन करने की वजह से यूरोपीय नेताओं के ख़िलाफ़ अवाम का ग़ुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसी संदर्भ में पश्चिमी एशियाई देशों में फ़्रांस के 10 राजदूतों ने इस देश के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां को एक पत्र लिखकर इस्राईल के बारे में उनकी नीतियों की कड़ी आलोचना की। इन राजदूतों ने अपने पत्र में लिखा कि हमारी जनता महसूस कर रही है कि हम ख़ुद अपने साथ ग़द्दारी कर रहे हैं, उनको लगता है कि इंसानियत के मामले में हमारी बातों और हमारे अमल में विरोधाभास है। इन राजदूतों ने लिखा कि फ़्रांस इस समय अपनी पुरानी इस्राईल फ़िलिस्तीन नीति से हट गया है।

फ़्रांस के राष्ट्रपति ने अलअक़सा तूफ़ान के बाद इस्राईल की यात्रा की थी और इस्राईल के समर्थन का एलान किया था। उन्होंने इस्राईल के किसी भी अपराध का ज़िक्र किए बग़ैर दावा किया डथा कि ज़ायोनी सरकार को सेल्फ़ डिफ़ेंस का अधिकार है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि ग़ज़ा में इस्राईल के अपराधों का पश्चिमी सरकारों की ओर से भरपूर समर्थन किए जाने पर विश्व भर में नाराज़गी बढ़ रही है। इतना ही नहीं पश्चिमी सरकारों के भीतर से भी नाराज़गी के स्वर उभरने लगे हैं। अरब देशों में अमरीकी राजदूतों ने बाइडन सरकार को गंभीर चेतावनियां दी हैं जिससे लगता है कि ग़ज़ा में इस्राईल के अपराधों का खुलकर समर्थन करने की अमरीकी सरकार की नीति अरब देशों में अमरीका के ख़िलाफ़ नफ़रत की भावना को बढ़ा रही है। इस्राईल ने ग़ज़ा युद्ध के आरंभ में झूठी ख़बरें फैलाकर अपने अपराधों पर पर्दा डालने की कोशिश की लेकिन बेहद भयानक अपराधों ने इस शासन की दरिंदगी को बेनक़ाब कर दिया।

ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा ने ज़ायोनी सरकार के अपराधों के बारे में कहा कि ग़ज़ा की महिलाओं और बच्चों के बारे में इस्राईल का रवैया आतंकवाद के समान है। इस्राईल ग़ज़ा पट्टी पर क़ब्ज़ा करना चाहता है और यह बेइंसाफ़ी है।