देश

पुलिस की फर्जी मुठभेड़ का हुआ भांडा फोड़, पाँच दरोगा, 12 सिपाहियों पर डकैती का केस दर्ज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद पुलिस को एनकाउंटर की छूट मिली हुई है जिसमें उन्होंने तमगा पाने के चक्कर में कई निर्दोष लोगों को भी मौत के घाट उतार दिया है,जिनके परिजन अब इंसाफ की गुहार लगाते हुए दर दर घूम रहे हैं।

जनपद बुलंदशहर के खुर्जा कोतवाली में तैनात पांच दरोगा और 12 सिपाहियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद डकैती का मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल, पुलिस ने जिस युवक को पीले बंबे के निकट से मुठभेड़ के बाद बाइक, पिस्टल और 700 ग्राम नशीला पदार्थ के साथ गिरफ्तार दिखाय था, वास्ताव में पुलिस ने उसको घर से गिरफ्तार किया था।

घर से गिरफ्तार करने का सारा मामला सीसीटीवी में कैद हो गया था. इस मामले में पीड़ित परिजनों ने कोर्ट में इन पुलिस कार्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने की गुहार लगाई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए एसीजेएम कोर्ट ने पांच दरोगा और 12 सिपाहियों के विरुद्ध फैसला में डकैती का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

पीड़ित की तहरीर के आधार पर उपनिरीक्षक शिवप्रकाश, जबर सिंह, संदीप कुमार, विपिन कुमार, धर्मेंद्र कुमार, कांस्टेबल ब्रजवीर, विनीत कुमार, संजय सिंह, अमित, योगेंद्र, चालक सुनील सिंह को नामजद किया गया है।

बता दें कि नगर के मोहल्ला बुर्ज उस्मान निवासी साबिर ने बताया कि 8 सितंबर 2018 की दोपहर खुर्जा नगर पुलिस के 5 दरोगाओं समेत करीब 20 पुलिसकर्मी उसके भतीजे मुस्तकीम के घर में घुस गए थे, जहां परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे. मुस्तकीम को गिरफ्त में लेने के बाद पुलिसकर्मी घर की तलाशी लेने लगे. जिन्होंने कब्रिस्तान के चंदे के 84 हजार रुपये कब्जे में ले लिए और दो बाइकों को भी अपने साथ ले गए. इन पुलिसकर्मियों के घर आने व जाने की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई।

इस मामल में 8 सितंबर की रात पुलिस ने मुस्तकीम की पीले बंबे के निकट से एक पिस्टल, बाइक और 700 ग्राम नशीला पदार्थ के साथ गिरफ्तारी दिखाई है, जबकि उसको दिन में पुलिस ने घर से उठाया था।