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यूक्रेन युद्ध में 21 महीनों में 9700 लोगों की मौत, जबकि ग़ज़ा में सिर्फ़ 29 दिन में 10,000 से ज़्यादा लोग शहीद

ग़ज़ा पर इस्राईल की विनाशकारी बमबारी और निर्दोष फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार के ख़िलाफ़ शनिवार को वाशिंगटन में हज़ारों लोग सड़कों पर निकल आए।

वाशिंगटन में आयोजित होने वाली रैली में बड़ी संख्या में अमरीका के दूसरे शहरों के लोगों ने भी भाग लिया और बाइडन प्रशासन द्वारा ग़ज़ा में युद्ध विराम का विरोध करने की निंदा की।

रैली में भाग लेने वालों का कहना था कि अगर अमरीकी राष्ट्रपति ग़ज़ा में निर्दोष लिस्तीनियों के नरसंहार का समर्थन जारी रखते हैं, तो वे 2024 में राष्ट्रपति चुनाव में उनका विरोध करेंगे।

ग़ौरतलब है कि 7 अक्तूबर को फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधी आंदोलन हमास ने पिछले 17 वर्षों से जारी ग़ज़ा की नाकाबंदी और वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनियों की बड़ी संख्या में हत्याओं के ख़िलाफ़ अवैध अधिकृत इलाक़ों में अल-अक़सा स्टॉर्म ऑप्रेशन किया था।

हमास के इस ऑप्रेशन में 1400 इस्राईली मारे गए और क़रीब 250 बंधक बना लिए गए।

उसके बाद, ज़ायोनी सेना ने ग़ज़ा पर ताबड़तोड़ हवाई हमले शुरू कर दिए और बच्चों और महिलाओं समेत आम नागरिकों का नरसंहार शुरू कर दिया, जिसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन नस्लकुशी क़रार दे रहे हैं।

ज़ायोनी सेना ग़ज़ा में पिछले 29 दिनों के दौरान 10,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों को शहीद कर चुकी है, जिनमें 4,000 से ज़्यादा बच्चे हैं।

अगर इसकी यूक्रेन युद्ध से तुलना करें तो फ़रवरी 2022 से अब तक यानी पिछले 21 महीनों में यूक्रेन में अब तक 9,700 लोगों की मौत हुई है। जबकि इस्राईल ने ग़ज़ा में एक महीने से भी कम में उससे ज़्यादा फ़िलिस्तीनी नागरिकों को शहीद कर दिया है।