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#भस्मीभूतस्य_देहस्य_पुनरागमनं_कुतः…मुझे आज तक समझ नहीं आया कि कौन किसमें प्राण डालता है???
मनस्वी अपर्णा ========= #भस्मीभूतस्य_देहस्य_पुनरागमनं_कुतः_ हमारे आस पास रोज़ ऐसी कई घटनाएं घटती हैं जो हमारी किसी न किसी भावना को elicite करती है लेकिन सबको समान रूप से नहीं ….जो basic फ़र्क होता है वह होता है भावनात्मक तल का वह कितना सक्रिय है यह इस बात को तय करेगा कि आपकी प्रतिक्रिया कैसी आएगी….एक […]
“बानो”/उर्दू उपन्यास : बंटवारे की सरहद पार की त्रासदी
Satya Vyas ============ “बानो”/उर्दू उपन्यास बंटवारे की सरहद पार की त्रासदी ————— ———— ——— रजिया बट्ट लिखित उपन्यास “बानो” की शुरुआत सन 1952 में हसन और राबिया के सालों बाद की मुलाकात से होती है। हसन बारह साल की छोटी लड़की की जगह सत्रह साल की पुरकशिश राबिया को देखकर हैरान होता है। राबिया, हसन […]
”ढोल, गवार, शूद्र, पशु, नारी, ये सब ताड़न के अधिकारी” की व्याख्या…By-Lekhak Mukesh Sharma
Lekhak Mukesh Sharma =================== · ढोल ,गवार ,शूद्र, पशु, नारी, ये सब ताड़न के अधिकारी।” चौपाई की व्याख्या करते समय लोग काल, समय, स्थान और संदर्भ को नहीं देखते। बस जैसा मन में आया वैसी व्याख्या कर देते हैं। वैसे भी आजकल की पीढ़ी जो ज्यादातर फेसबुक जैसे मंच पर ज्ञान बांटते नज़र आती है, […]