अर्दोआन की फ़लस्तीन के समर्थन में रैली
इसराइल ने ग़ज़ा में हमास के ख़िलाफ़ हमले बढ़ा दिए हैं. पीएम बिन्यामिन नेतनयाहू ने कहा है कि ये ग़ज़ा में ज़मीनी हमलों का दूसरा चरण है, ये लंबा और मुश्किल होगा.
– नेतन्याहू ने कहा है कि ग़ज़ा में उनकी पहली प्राथमिकता हमास को ख़त्म करना और बंधक बनाए गए इसराइलियों को छुड़ाना है.
– ग़ज़ा शहर में लीफ़लेट्स गिराए गए हैं, जिन पर नागरिकों को चेतावनी दी गई है. इन पर लिखा है ये ‘जंग का मैदान’ बनने जा रहा है, दक्षिण की तरफ चले जाइए.
– इंटरनेशनल रेड क्रॉस ग़ज़ा में तुरंत संघर्ष विराम की मांग की है और कहा है कि ये अस्वीकार्य है कि आम लोगों के छिपने की कोई जगह नहीं है.
– 24 घंटों से अधिक के ब्लैकआउट के बाद ग़ज़ा में फ़ोन लाइनें और इंटरनेट कनेक्टिविटी फिर से लौट रही है.
– ग़ज़ा पट्टी पर इसराइल के बढ़ते हमलों के बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने शनिवार को इसराइल को ‘युद्ध अपराधी’ क़रार दिया, जिसके जवाब में इसराइल ने तुर्की से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है.
बीते सालों में दोनों मुल्क अपने बीच तनाव कम करने और राजनयिक रिश्ते बहाल करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ताज़ा विवाद से इन कोशिशों को धक्का पहुंचा है.
अर्दोआन ने क्या कहा?
शनिवार को तुर्की के दक्षिणपंथी और कट्टर मुलसमान समूहों ने इस्तांबुल शहर समेत कई और शहरों में फ़लस्तीनियों के समर्थन में विशाल जुलूस निकाले.
इस्तांबुल में हुई ऐसी ही एक रैली का आयोजन राष्ट्रपति अर्दोआन की जस्टिस एंड डेवेलपमेन्ट पार्टी (एकेके पार्टी) ने किया था. समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार अर्दोआन के अनुसार रैली में लगभग 15 लाख लोगों ने हिस्सा लिया.
इस्तांबुल में हुई रैली में अर्दोआन ने इसराइल और वहां के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू को निशाने पर लेते हुए कहा- “इसराइल, आप एक कब्ज़ा करने वाले देश हो.”
“इसराइल आप यहां आए कैसे? आपने यहां अपनी जगह कैसे बनाई? आप कब्ज़ा करने वाले हो, आप केवल एक संगठन हो और ये बात तुर्की के लोगों को पता है.”
उन्होंने इसराइल सरकार को “युद्ध अपराधी” की तरह बर्ताव करने वाला बताया जो “फ़लस्तीनियों को पूरी तरह से मिटा देना” चाहता है.
“अगर हमास आतंकवादी संगठन है तो नेतनयाहू भी एक आतंकवादी हैं. शर्म करो इसराइल… हम दुनिया के सामने आपको युद्ध अपराधी घोषित करेंगे. फ़िलहाल हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “ख़ुद की रक्षा करना किसी भी मुल्क का हक़ है. लेकिन इस मामले में न्याय कहां है? यहां कोई न्याय नहीं हो रहा– ग़ज़ा में जो हो रहा है वो जनसंहार है.”
अर्दोआन क्या कहते रहे हैं
लेकिन हमास के ख़िलाफ़ इसराइल के अभियान छेड़ने बाद अर्दोआन ने पहली बार इसराइल के ख़िलाफ़ कुछ कहा हो ऐसा नहीं है.
बीते सप्ताह अर्दोआन ने ये कहते हुए इसराइल का अपना दौरा रद्द कर दिया था कि इसराइल ने हमास के विद्रोहियों के ख़िलाफ़ “अमानवीय युद्ध” छेड़ रखा है. उन्होंने हमास को “लिबरेशन ग्रुप” यानी अपनी आज़ादी के लिए लड़ने वाला समूह कहा था.
शनिवार को इस्तांबुल में रैली में अर्दोआन ने कहा पश्चिम मुल्क मध्य पूर्व में अपने पैर जमाना चाहते हैं और “इसराइल इस इलाक़े में उनके हाथों की कठपुतली बना हुआ है.”
अर्दोआन ने इसराइल का समर्थन करने वाले पश्चिमी मुल्कों पर भी निशाना साधा और कहा “इसराइल बीते 22 दिनों से खुल्लम खुल्ला युद्ध अपराध कर रहा है, लेकिन पश्चिमी मुल्क इस पर प्रतिक्रिया देना तो दूर, उसे संघर्ष विराम तक के लिए भी नहीं कह सकते.”
“ग़ज़ा में जो जनसंहार हो रहा है इसके पीछे मुख्य अपराधी पश्चिमी मुल्क हैं. अगर हम कुछ ईमानदार आवाज़ों को छोड़ दें तो गज़ा में जो हो रहा है वो पूरे तरीके से पश्चिमी मुल्कों का काम है.”
उन्होंने इसराइल और उसके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वो ईसाइयों और मुसलमानों को एक-दूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा कर के “धर्मयुद्ध का माहौल” तैयार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “हमारी बात सुनिए, शांति की पहल करने से किसी की हार नहीं होगी.”
अपने दो दशक के शासन में अर्दोआन फ़लस्तीनियों के हक़ों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की मुहिम का नेतृत्व करते रहे हैं.
शनिवार को रैली में शिरकत करने से पहले अर्दोआन ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि इसराइल की ताज़ा कार्रवाई ने “मासूम नागरिकों को निशाना बनाया है” और ग़ज़ा में मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है.
उन्होंने अपील की, “इसराइल को जल्द से जल्द ये पागलपन बंद करना चाहिए और हमले रोकने चाहिए.”
इसराइल की प्रतिक्रिया
अर्दोआन का संबोधन ख़त्म होने से कुछ देर बाद इसराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने बताया कि उन्होंने तुर्की से अपने राजनयिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला किया है.
उन्होंने सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “अर्दोआन की तीखी टिप्पणी के बाद हमने अपने राजनयिकों को तुर्की छोड़ देने के आदेश दिए हैं ताकि हम इसराइल और तुर्की के बीच संबंधों पर फिर से विचार कर सकें.”
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, “युद्ध अपराध का आरोप हम पर मत लगाइये. अगर आप ये सोचते हैं कि आप हमारे सैनिकों पर युद्ध अपराध का आरोप लगा सकते हैं तो ये पखंड है.”
उन्होंने कहा कि इसराइल के पास “नैतिक मूल्कों को मानने वाली दुनिया की सबसे अच्छी सेना” है.
उन्होंने हमास पर मानवता के ख़िलाफ़ अपराध करने और “मासूम लोगों का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में करने” का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने दावा कया कि इसराइली डिफेन्स फोर्सेस आम नागरिकों की रक्षा करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है.
उन्होंने इससे पहले कहा था कि ग़ज़ा में उनकी प्राथमिकता हमास के आतंकवादियों को ख़त्म करना और उसके कब्ज़े में मौजूद इसराइलियों को आज़ाद कराना है.
तुर्की की प्रतिक्रिया- किसे आदेश दे रहे इसराइली विदेश मंत्री?
हमास के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ने के बाद इसराइल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए तुर्की समेत इलाक़े के कई मुल्कों से अपने राजनयिक वापस बुला लिए थे.
तुर्की के एक राजनयिक सूत्र के हवाले से समाचार एजेंसी एएफ़पी ने ख़बर दी है कि 19 अक्तूबर को ही इसराइल के राजनयिक तुर्की से वापस चले गए थे.
ऐसे में अली कोहेन के बयान पर तुर्की के एक राजनयिक सूत्र का कहना है, “ये समझना मुश्किल है कि कोहेन किसे लौटने का आदेश दे रहे हैं.”
इसराइल और तुर्की में तल्ख़ रहे हैं रिश्ते
केवल तुर्की ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में फ़लस्तीनियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. शनिवार को तुर्की समेत लंदन, उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट, किर्गीस्तान की राजधानी बिश्केक में भी इस तरह के विरोध प्रदर्शन हुए जिनमें सैंकड़ों हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया.
इसराइल और तुर्की के बीच तनावपूर्ण संबंधों का लंबा इतिहास रहा है.
2010 में ग़ज़ा के लिए मदद लेकर जा रहे तुर्की के जहाज़ पर इसराइल ने हमला किया था. इस घटना में तुर्की के 10 फ़लस्तीन समर्थकों की मौत हुई थी. इसके बाद ही तुर्की और इसराइल के रिश्तों में तनाव आना शुरू हो गया था.
दोनों के बीच रिश्ते 2016 में बहाल हुए, लेकिन 2018 में मामला फिर पलट गया. यरूशलम में अमेरिकी दूतावास के खुलने के बाद ग़ज़ा की सीमा पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में इसराइली सुरक्षाबलों के हाथों क़रीब 60 फ़लस्तीनियों की मौत के बाद तुर्की और इसराइल ने एक-दूसरे के यहां से अपने राजनयिक वापस बुला लिए थे.
2022 में दोनों ने एक बार फिर राजनयिक संबंध बहाल करने का फ़ैसला लिया था, लेकिन अब अर्दोआन के तीखे बयान और इसराइल के जवाबी कदम के बाद दोनों के रिश्तों में एक बार फिर कड़वाहट घुल गई है.
मुस्लिम बहुल तुर्की और यहूदी बहुल इसराइल पश्चिमी मुल्कों के सैन्य गठबंधन नैटो के सदस्य हैं और मध्य पूर्व में अहम भूमिका निभाते हैं.
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी मुल्कों के विपरीत, तुर्की हमास को आतंकवादी संगठन नहीं मानता. वो लंबे वक्त से हमास के सदस्यों की मेज़बानी करता रहा है. इसराइल और फ़लस्तीन के मुद्दे के हल के लिए वो दो-राष्ट्र नीति का समर्थन करता है.
क्या है मामला?
सात अक्तूबर को ग़ज़ा में हमास के लड़ाकों ने इसराइल के ख़िलाफ़ बड़ा हमला किया. इन लड़ाकों ने पहले इसराइल पर हज़ारों रॉकेट दाग़े, उसके बाद हवाई मार्ग से, समंदर के रास्ते और सीमा की बाड़ तोड़कर इसराइल में प्रवेश किया और भारी तबाही मचाई.
इन्होंने कम से कम 1,400 इसराइलियों को मारा, जिनमें से अधिकतर आम नागरिक थे. वापस लौटते वक्त ये लड़ाके अपने साथ 200 से अधिक इसराइली नागरिकों को बंधक बना कर ले गए.
इसके ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई करते हुए इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने ग़ज़ा में हमास के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा कर दी और व्यापक हवाई हमले शुरू कर दिए.
ग़ज़ा में हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इसराइल के हमले में अब तक 7,700 से अधिक फ़लस्तीनियों की मौत हुई है जबकि लाखों घायल हैं. मरने वालों में लगभग आधे, 3,500 बच्चे हैं.
इज़राइल हमास जंग के बीच बड़ा एलान !
इजरायल और हमास के बीच जमीनी लड़ाई गाजा में शुरू हो गई है, जिसके चलते बीती रात को गाजा पट्टी पर संचार और इंटरनेट की सुविधा पूरी तरह से बंद कर दी गई थी. ऐसे में मानवीय राहत पहुंचाने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इसी बीच एलन मस्क ने अपने एक्स पोस्ट में वादा किया कि, वो गाजा पट्टी में मानवीय राहत के लिए अपनी स्टारलिंक की इंटरनेट सुविधा मुहैया कराएंगे.
अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ ने एक्स पर एक पोस्ट कि जिसमें उन्होंने कहा कि “2.2 मिलियन की आबादी के लिए सभी संचार बंद करना अस्वीकार्य है. पत्रकार, चिकित्सा पेशेवर, मानवीय प्रयास और निर्दोष सभी खतरे में हैं.” “मुझे नहीं पता कि इस तरह के कृत्य का बचाव कैसे किया जा सकता है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐतिहासिक रूप से इस प्रथा की निंदा की है.” इसके जवाब में एलन मस्क ने पोस्ट करते हुए कहा, “स्टारलिंक गाजा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सहायता संगठनों को कनेक्टिविटी का समर्थन करेगा.”
#IsraelHamas conflict Day 23 updates:
– Death toll stands at 9,516 (1,400 in #Israel, 8,005 in #Gaza, 111 in #WestBank)
– Netanyahu says Israel heading into “2nd stage of war”; Palestinian President Mahmoud Abbas calls for emergency Arab League meeting
– ICRC president calls the humanitarian situation in Gaza a “catastrophic failing”
– Internet, phone services gradually being restored in Gaza: Paltel Group
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Hamas: Netanyahu will face defeat ‘greater than what he fears’ in Gaza
The Palestinian resistance movement Hamas has warned Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu against any plans to expand the regime’s ground invasion of the Gaza Strip after more than three weeks of incessant bombardments in the besieged area.