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कट्टरपंथियों के राज में, इस्राईल के अत्याचारों के ख़िलाफ़ बोलने की इजाज़त नहीं

अकेले दौड़कर पहले स्थान पर आना चाहती हैं आजकल की सरकारें! लोकतंत्र का दावा करने वाले केवल सरकारी तंत्र के हैं सहारे

आजकल अगर पूरी दुनिया पर नज़र डाली जाए तो शायद ही कुछ देश ही मिलेंगे कि जहां सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था से चल रही है। नहीं तो ज़्यादातर देशों और राज्यों की स्थिति देखने से पता चलता है कि वहां की सरकारें केवल और केवल सरकारी तंत्र और बल के सहारे ही अपना काम कर रही होती हैं। उदाहरण के तौर पर देश का संविधान यह कहता है कि अगर कोई शांति के साथ अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन करना चाहता है तो उसको इस बात की पूरी आज़ादी होगी। लेकिन ज़मीन पर बिल्कुल ऐसा नहीं है।

दुनिया भर के देशों में इस समय जो लोग सत्ता पर बैठे हुए हैं उनकी यह पूरी कोशिश है कि किसी भी तरह वह उसपर बाक़ी रहें। इसके लिए अगर उन्हें किसी भी तरह की कोई बेईमानी और हिंसा का भी सहारा लेना पड़े तो वे इससे भी संकोच नहीं करते हैं। मिसाल के तौर पर फ्रांस समेत यूरोपीय देशों की सरकारें अभिव्यक्ति की आज़ादी की बातें करते हुए थकती नज़र नहीं आती हैं, लेकिन वहीं मुसलमानों की आज़ादी की बात जब आती है तो सांप सूंघ जाता है। सबके मुंह पर ताला लग जाता है। महिलाएं कपड़े न पहनें तो कोई बात नहीं लेकिन अगर हिजाब पहन लें तो वह उन्हें बर्दाश्त नहीं होता है। इसी तरह हाल ही में देखा गया है कि आतंकी इस्राईल के समर्थन में चाहे जितना और जिस प्रकार रैलियां और प्रदर्शन करने हैं उसके लिए पूरी तरह छूट है, लेकिन वहीं अगर मज़लूम फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में, ग़ाज़ा के मासूम बच्चों के नरंसहार के विरोध में कोई प्रदर्शन करना चाहता है तो उसपर पुलिस लाठी बरसाती है, जेल भेजती है और उसको इस्राईल के अत्याचारों के ख़िलाफ़ बोलने की भी इजाज़त नहीं होती है।

यही हाल कुछ भारत का भी है। जहां सरकार के समर्थन में जितना चाहो सड़कों पर उतरकर हंगामा मचाओं, आग लगाओ, नारे लगाओ, मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर उगलो और किसी को भी चाहो मार तक दो, लेकिन वहीं अगर सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़, उसके घोटालों के ख़िलाफ़, उसके उत्पीड़न के ख़िलाफ़ और उसके द्वारा संविधान के ख़िलाफ़ भी किए जाने वाले कामों के ख़िलाफ़ अगर आप सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे, तो आपको जेल जान पड़ सकता है, आपको एजेंसियों द्वारा परेशान किया जा सकता है और तो और आपके घरों पर बिल्डोज़र भी चल सकता है। इसी तरह आतंकी इस्राईल के समर्थन में जहां चाहें, जिस तरह चाहें रैलियां निकालें, मार्च निकालें और प्रदर्शन करें सरकार आपके साथ नज़र आएगी, लेकिन अगर आप फ़िलिस्तीन की मज़लूम जनता का समर्थन करेंगे, उनके समर्थन में आवाज़ उठाएंगे, उनपर होने वाले ज़ुल्मों का विरोध करेंगे, अगर आप इस्राईल की आतंकी गतिविधियों की मुख़ालिफ़त करेंगे तो सरकार आपको इसकी इजाज़त तो दूर की बात है आपके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करेगी। आपको जेल भेजेगी और यहां तक कि आपके घर पर बिल्डोज़र भी चल सकता है।

अब यहां सवाल यह पैदा होता है कि आख़िर सरकारें ऐसा क्यों कर रही हैं? तो इसका सादा सा जवाब तो यह है कि यह सभी सरकारें अकेले दौड़कर पहले स्थान पर आना चाहती हैं। यानी इनका कोई विरोध न करे, इनकी कमियों के बारे में कोई चर्चा न करे और यह इस बात पर गर्व करें कि उनपर कोई आरोप नहीं है। जबकि मैदान में जब तुम किसी को प्रवेश की अनुमति ही नहीं दोगे तो तुम्हारी जीत तो सुनिश्चिति हो ही जाएगी। जब इस्राईल के अत्याचारों के बारे में कोई चर्चा ही नहीं करेगा तो हमास को आतंकी आराम से घोषित किया ही जा सकेगा। जब सरकार द्वारा किए जाने वाले असंवैधानिक कार्यों के बारे में पूछने वालों के मुंह बंद कर दिए जाएंगे तो फिर कोई उसपर उंगली उठा ही नहीं सकेगा। यही कारण है कि आजकल की सरकारें लोकतंत्र के संबंध बड़ी-बड़ी बातें तो करती हैं, लेकिन उनकी सारी निर्भरता सरकारी तंत्र पर होती है। अब तो सरकारों को जनता के वोटों की भी परवाह नहीं रह गई है, क्योंकि मशीनें अपने आप उन्हें जीता देती है। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि इस दौर में झूठ सच और सच झूठ हो चुका है। विकास के नाम पर विनाश हो रहा है। मीडिया के नाम पर प्रचार की दुकानें खुली हुई हैं। मज़लूम इंसाफ़ का इंतेज़ार कर रहे हैं और ज़ालिम इंसाफ़ का गला घोंटने में व्यस्त हैं।

लेखक- रविश ज़ैदी, वरिष्ठ पत्रकार। ऊपर के लेख में लिखे गए विचार लेखक के अपने हैं। तीसरी जंग हिन्दी का इससे समहत होना ज़रूरी नहीं है।

Insider Paper
@TheInsiderPaper
BREAKING: Dozens of protesters attempt to storm Israeli embassy in Amman, Jordan
Israel attacked a hospital in Gaza and killed 1000 #Palestine

MASSACRE ALERT: ISRAELI IOF STRIKE A HOSPITAL YARD KILLING BETWEEN 200-300 PEOPLE IN GAZA

News24
@news24tvchannel
गाजा के अस्पताल पर इजरायल ने किया हवाई हमला, 500 लोगों की मौत
◆ इज़रायली सेना ने अल अहली अरबी बापटिस्ट अस्पताल पर किया एयर स्ट्राइक: गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय
◆ इज़रायली सेना के हमले में 1050 से ज़्यादा फ़लस्तीनी शहीद

Quds News Network
@QudsNen
#BREAKING| Horrific scenes from the Arab Baptist Hospital in #Gaza. #Israel bombarded the hospital, leaving over 500 innocents in pieces.
The Baptist Hospital was one of 6 hospitals, which were threatened by the Israeli military recently.

KRK
@kamaalrkhan
Israel attacked a hospital in Gaza and killed 500
people. And Now nobody in the world is feeling pain. Because only Israel people are humans and others not. It’s unacceptable in the modern world. A Human is human, whatever religion he follows.
@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
1000 से ऊपर फिलीस्तीनी मारे गये! अल-ममदानी अस्पताल, #Gaza पर #Israeli हमलों के पहले video. इंसानियत शर्मसार है! इजराइली दानवों की हैवानियत!
#PalestineGenocide
World News
@ferozwala
#BREAKING
Palestinian President Abbas returns to #WestBank from Jordan, calls emergency meeting of leadership tonight: #PLO Secretary Hussein Al-Sheikh.
https://pic.twitter.com/NgBhIylRsv
#GazaUnderAttack #BreakingNews #Gazagenocide #Palestine
The situation in #Hebron is getting out of control after Palestinians started protesting in several places in the West Bank

Zaid Ahmd 
@realzaidzayn
BREAKING : Senior #Palestinian official says President Mahmoud Abbas canceled his planned meeting Wednesday with President #Biden.