देश

पूरे भारत में फ़िलिस्तीन के समर्थन में रैलियां, इस्राईल और अमेरिका मुर्दाबाद के नारों से गूंजा गांधी का देश : रिपोर्ट

इस समय इस्राईल अमेरिका के साथ मिलकर फ़िलिस्तीन की जनता का नरसंहार कर रहा है। वहीं यूरोपीय देश भी आतंकी ज़ायोनी शासन के समर्थन में खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। जबकि दुनिया भर के न्याय प्रेमी लोग फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का समर्थन कर रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को भारत समेत पूरी दुनिया में लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और मज़लूम फ़िलिस्तीनी जनता के समर्थन में नारे लगाए।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने गत 7 अक्तूबर शनिवार की सुबह अलअक़सा फ़्लड के नाम से आतंकी इस्राईल के ख़िलाफ़ जो जवाबी कार्यवाही की उसने अवैध ज़ायोनी शासन समेत उसके सभी समर्थकों की नींद हराम कर दी है। इस बीच आतंकी इस्राईल ने अपने सबसे बड़े समर्थक अमेरिका के साथ मिलकर अपनी हार कि खिसियाहट मिटाने के लिए ग़ाज़ा की आम जनता पर बमों की बारिश करनी शुरू कर दी। उसके इस पाश्विक हमलों में अब तक लगभग 500 फ़िलिस्तीनी बच्चे और 400 से अधिक महिलाओं समेत 1500 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं हज़ारों घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। इस बीच फ़िलिस्तीन की मज़लूम जनता के समर्थन में पूरी दुनिया के न्याय प्रेमियों द्वारा शुक्रवार को विशाल रैलियां निकाली गईं और विरोध-प्रदर्शन हुए। भारत की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई, तेलंगाणा की राजधानी हैदराबाद, कश्मीर, करगिल समेत देश के लगभग ज़्यादातर छोटे-बड़े शहरों में लोगों ने फ़िलिस्तीन के समर्थन में रैलियां निकाली, विरोध-प्रदर्शन किए और ग़ाज़ा के लोगों के लिए दुआएं भी मांगी।


इस बीच भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वरिष्ठ धर्मगुरु और इमामे जुमा लखनऊ मौलाना सैयद कल्बे जवाब नक़वी ने फ़िलिस्तीन में जारी इस्राईल की बर्बरता और आतंकवाद के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक आसिफ़ी मस्जिद में मज़लूमों के समर्थन और ज़ालिमों की तबाही के लिए जुमे की नमाज़ के बाद ‘यौमे दुआ’ ​​का आयोजन किया। इस मौक़े पर मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि फ़िलिस्तीन संकट का एकमात्र समाधान उन्हें उनका अधिकार देना है। इमामे जुमा लखनऊ ने यौमे दुआ के कार्यक्रम में शामिल सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम देश की मोदी सरकार से मांग करते हैं कि वह जंग बंदी में अहम भूमिका निभाए। हमारा देश हमेशा मज़लूमों के साथ रहा है। गांधी जी और उनके बाद के सभी राजनीतिक नेताओं ने हमेशा फ़िलिस्तीन का समर्थन किया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भी कहा था कि जब तक फ़िलिस्तीनियों को उनकी ज़मीन वापस नहीं मिल जाती तब तक यह संकट हल नहीं हो सकता। इसलिए हमारी मांग है कि हमारा देश भारत जो दुनिया का एक शक्तिशाली देश है बातचीत के ज़रिए इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करे।

मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि हम आज मज़लूम फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में और ज़ालिमों की नाबूदी के लिए दुआ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी का इलाज करना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि यह देखना भी ज़रूरी है कि बीमारी कैसे फैल रही है, अंतर्राष्ट्रीय शक्तियों और मानवाधिकार संगठनों को पहले यह देखना चाहिए कि फ़िलिस्तीनी आज क्यों लड़ रहे हैं? उनके विरोध और प्रतिरोध का कारण क्या है? क्या फ़िलिस्तीनियों को मार कर शांति स्थापित की जा सकती है? बिल्कुल नहीं! आतंकी इस्राईल ने गाज़ा के लोगों के लिए पानी बंद कर दिया, बिजली आपूर्ति रोक दी गई। अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं। बच्चे और महिलाएं मारे जा रहे हैं। खाने पीने की चीज़ों की कमी है, क्योंकि जिन मार्गों से गाज़ा तक रसद पहुंचती है उन्हें बंद कर दिया गया है, क्या यह ज़ुल्म नहीं है? मौलाना कल्बे जवाद ने आगे कहा कि हम शांति चाहते हैं, हम नहीं चाहते कि कहीं भी कोई निर्दोष मारा जाए, लेकिन शांति इस तरह स्थापित नहीं हो सकती जिस तरह दुनिया चाहती है।


लखनऊ की ऐतिहासिक आसिफ़ी मस्जिद में फ़िलिस्तीन की जनता की रक्षा और इस्राईल की तबाही के लिए दुआ मांगते नमाज़ी।
इमामे जुमा लखनऊ ने सभी मानवाधिकार संगठनों और ख़ुद संयुक्त राष्ट्र संघ को औपनिवेशिक शक्तियों के हाथों का खिलौना क़रार दिया। उन्होंने कहा कि आज तक शांति स्थापित करने और फ़िलिस्तीन की समस्या को हल करने के लिए कोई गंभीर क़दम नहीं उठाया गया है। मौलाना ने कहा कि जब तक फ़िलिस्तीनियों को उनका अधिकार नहीं दिया जाता तब तक यह समस्या हल नहीं हो सकती। आज सैकड़ों को मारोगे, कल हज़ारों खड़े होंगे। हज़ारों को मारोगे, कल फिर लाखों खड़े हो जायेंगे, इसलिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि वे संघर्ष विराम के लिए प्रयास करें। इस मुद्दे को बातचीत के ज़रिए हल किया जाना चाहिए। भारत वरिष्ठ धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने कार्यक्रम के अंत में फ़िलिस्तीनियों की रक्षा और कामयाबी और आतंकी शासन इस्राईल की तबाही के लिए दुआ मांगी।