राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को तीन नए ज़िले बनाने की घोषणा की है.
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब राज्य में किसी भी समय आचार संहिता लागू की जा सकती है.
आचार संहिता लगने से पहले यदि नए ज़िलों का नोटिफ़िकेशन जारी होता है तो राज्य में ज़िलों की संख्या बढ़कर 53 हो जाएगी.
टोंक ज़िले की तहसील मालपुरा, चूरू की तहसील सुजानगढ़ और हाल ही में नागौर से अलग बनाए गए डीडवाना-कुचामन सिटी ज़िले से कुचामन सिटी को नया ज़िला बनाया जाएगा.
नए ज़िलों की घोषणा पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि, “जनता की मांग एवं उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के अनुसार राजस्थान में तीन नए ज़िले और बनाए जाएंगे. अब 53 ज़िलों का होगा राजस्थान. आगे भी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के मुताबिक़ सीमांकन आदि परेशानियों को दूर किया जाता रहेगा.”
इधर, चुनाव से ठीक पहले नए ज़िलों की घोषणा को बीजेपी ने ‘मुंगेरी लाल’ के सपनों की तरह बताया है.
बीजेपी के विधायक और प्रदेश प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने बीबीसी से कहा, “यह मुंगेरी लाल के हसीन सपने हैं. यह सोच रहे हैं कि ज़िलों की घोषणा से वोट मिल जाएंगे. लेकिन, कोई इन्हें वोट देने वाला नहीं है. सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है.”
“सरकार के पास बजट नहीं है. साल 2008 में प्रतापगढ़ ज़िला बना था. लेकिन, अब साल 2023 में ज़िले की पुलिस लाइन बन रही है. पंद्रह साल लग गए ज़िले की पुलिस लाइन बनने में. तो अब यह नए ज़िलों की पुलिस लाइन कितने साल में बनाएंगे?.”