नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन तलाक़ पर कैबिनेट में संशोधित बिल पास कर दिया है,जिसके बाद से राजनैतिक लोगों से लेकर आम जनता की तरफ से कड़े शब्दों में निंदा होरही है।
ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और साँसद असदउद्दीन ओवैसी ने कहा है कि”ये अध्यादेश मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है. इस अध्यादेश से मुस्लिम महिलाओं को न्याय नहीं मिलेगा. इस्लाम में शादी एक नागरिक अनुबंध है और इसमें सजा के प्रावधान को शामिल करना गलत है.”
This Ordinance is unconstitutional. The ordinance is against the Constitution's right to equality as it is being made only for Muslims. All India Muslim Personal Law Board & women organisations should challenge this ordinance in the Supreme Court: Asaduddin Owaisi #TripleTalaq
— ANI (@ANI) September 19, 2018
इतना ही नहीं इस बिल को लेकर सीधा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, ” मैं प्रधानमंत्री से ये अनुरोध करता हूं कि देश की उन 24 लाख महिलाओं के लिए भी कोई क़ानून लाया जाए जिनके पति चुनाव शपथ पत्र में तो लिखते हैं कि वो विवाहित है लेकिन अपनी पत्नियों के साथ नहीं रहते.”
I demand from PM that this national requires a law for those married women, who are 24 lakh in number,their husbands in their election affadavit say they are married but the wife is not living with them. PM should bring a law for those deserted married women:A Owaisi #TripleTalaq
— ANI (@ANI) September 19, 2018
इस बिल को लेकर अलग-अलग तरह के बयान सामने आने लगे हैं. कांग्रेस की तरफ से रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ”मोदी सरकार ने ये काम मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए किया है.”
वहीं इस अध्यादेश के पास होने की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश की एक प्रतिष्ठित और वरिष्ठ महिला नेता होने के बाद भी सोनिया गांधी ने तीन तलाक जैसे बर्बर नियम को खत्म नहीं होने दिया. कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए इस बिल को पास नहीं होने दिया।