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शहीद सैनिक मुख्तार अहमद ने आतंकियों को सेना की जानकारी देने के बजाये अपनी जान कुर्बान करी-पढ़िए बहादुरी की कहानी

नई दिल्ली:कश्मीर के कुलगाम जिले में प्रादेशिक सेना के जवान लांस नायक मुख्तार अहमद मलिक ने आतंकवादियों को सेना की तैनाती के बारे में जानकारी देने के बजाये अपनी जान की क़ुर्बानी दे डाली है।

लांस नायक मुख्तार अहमद मलिक से आतंकवादियों ने सेना की तैनाती के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप मुझे गोली मारना चाहते हैं तो मार दें लेकिन मुझसे सवाल मत पूछिए।’’ मलिक अपने बेटे की मौत के बाद अपने घर आए हुए थे। लांस नायक मलिक का बेटा दुर्घटना का शिकार हो गया था और सेना के एक अस्पताल में चार दिन तक मौत से जंग लड़ने के बाद 15 सितंबर को उसने दम तोड़ दिया था।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि जब परिवार ‘रस्म-ए-चौरम’ (मौत के बाद का अनुष्ठान) की तैयारी कर रहा था तभी आतंकवादी 43 वर्षीय मलिक के घर में घुस गए। उनका आवास दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित कुलगाम जिले के चुरत गांव में है। चश्मदीदों के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी उनके दोस्त की गतिविधि पर नजर रख रहे थे। वह मलिक के घर पहुंचकर उनकी तलाश करने लगे।

उन्हें मलिक घर की पहली मंजिल पर मिले। आतंकवादी उनसे सेना की तैनाती के बारे में सवाल करने लगे। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि मलिक ने आतंकवादियों से कहा, ‘‘ अगर आप मुझे गोली मारना चाहते हैं तो मार दीजिए, मगर मुझसे सवाल मत कीजिए।’’ इसके बाद, मलिक को करीब से गोली मार दी गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आतंकवादी मौके से भाग गए।