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मंदिर पर भगवा झंडा नहीं लगा सकते, मंदिरों का इस्तेमाल राजनीतिक वर्चस्व के लिए नहीं किया जा सकता : हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने एक मंदिर पर भगवा झंडे लगाने की अनुमति मांगने वाली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मंदिरों का इस्तेमाल राजनीतिक वर्चस्व के लिए नहीं किया जा सकता है।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा कि मंदिर आध्यात्मिक सांत्वना और शांति के प्रतीक होते हैं, उनकी पवित्रता और श्रद्धा सर्वोपरि है। ऐसे पवित्र आध्यात्मिक आधारों को राजनीतिक चालबाज़ियों या एक-आधिकारिकता के प्रयासों से कम नहीं किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं के कार्य और इरादे स्पष्ट रूप से मंदिर में बनाए रखे जाने वाले शांत और पवित्र वातावरण के विपरीत हैं।

मुथुपिलक्कडु श्री पार्थसारथी मंदिर के भक्त होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता मंदिर पर झंडे लगाना चाहते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि विशेष अवसरों और त्योहारों के दौरान मंदिर परिसर में भगवा झंडे लगाने के उनके प्रयासों को प्रतिवादियों ने कथित तौर पर अपने राजनीतिक संबंधों का उपयोग करके बाधित किया।

सुनवाई के दौरान केरल सरकार के वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं को एक निश्चित राजनीतिक दल से जुड़े झंडों और उत्सवों से मंदिर को सजाने की अनुमति देना ​‘मंदिर को राजनीतिक वर्चस्व के लिए युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देने​’ के समान होगा।