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‘कब तक पुकारूं’…..’मुझे चांद चाहिए’…’राग दरबारी’…
Dinesh Shrinet ============ अस्सी के दशक तक आते-आते मुख्यधारा और समांतर सिनेमा दोनों की हिंदी साहित्य से दूरी बनने लगी. यह जोखिम भरा निष्कर्ष है मगर ऐसा लगता है कि सिनेमा अपने आसपास के जिस बदलते हुए यथार्थ को दर्ज करना चाहता था, हिंदी में वैसी कहानियां या उपन्यास अस्सी और नब्बे के दशक में […]
आज उसकी कोशिश, उसकी मुहब्बत, उसका गुरूर उसका यक़ीन जीत गया है….!!
Sukhpal Gurjar ================= सूरी बहुत सिंपल सा इंसान है, जिंदगी बहुत नाप तौल कर बिताई है उसने। मेहनत से पढ़ाई की, मेहनत से नौकरी कर रहा है। लोगो से नर्म लहजे में बात करता है, फॉर्मल पैंट के नीचे स्पोर्ट शूज पहनता है। कोई बुरी आदत नही है सूरी के अंदर, बस कभी कभार अपने […]
मैं सोच के सिहर जाती हूं यदि मेरी मृत्यु पहले हो गई तो मेरे पति का क्या होगा
हो सकता है आप लोगो को मेरी बात खराब लगे, या ये भी हो सकता है की आप लोगो को लगे को मेरी सोच खराब है यदि ऐसा है तो मैं दिल से आप लोगो से क्षमा मांगती हूं मेरे से बड़े मेरी उम्र 75 साल है और मेरे पति 81 साल के हैं मैं […]