दुनिया

इस्राईल कभी भी गहरी खाई में गिर सकता है, इस्राईली संकट की अस्ल वजह जानिये : रिपोर्ट

अवैध ज़ायोनी शासन के भीतर आंतरिक मतभेद समाप्त होने के स्थान पर बढ़ते जा रहे हैं।

क्नेसेट के प्रमुख ने यह बात स्वीकार की है कि वर्तमान समय में इस्राईल बहुत ही ख़तरनाक दोराहे पर खड़ा है। ज़ायोनी शासन के भीतर पाए जाने वाले आंतरिक मतभेदों के संदर्भ में क्नेसेट के प्रमुख अमीर औहाना ने कहा कि इस समय हम एसे दोराहे पर खड़े हैं जहां से हम संभवतः खाई में गिर सकते हैं।

वर्तमान समय में न्यायिक बदलाव को लेकर अवैध ज़ायोनी शासन के भीतर तनाव बहुत बढ़ चुका है। वहां के बहुत से नेताओं का मानना है कि अगर यही प्रक्रिया जारी रही तो इस शासन का विघटन हो सकता है।

क्नैसेट के मुखिया के अनुसार संविधान में कोई एसा बदलाव नहीं किया जा सकता हो सुप्रीम कोर्ट को किसी क़ानून को बदलने या निरस्त करने की अनुमति दे।

इससे पहले ज़ायोनी शासन के प्रमुख इसहाक़ हर्तज़ोग भी कह चुके हैं कि इस समय इस्राईल, एक गंभीर क़ानूनी संकट का समाना कर रहा है। विगत में हमने कभी भी एसा कोई भी संकट इस्राईल में नहीं देखा।

पिछले 34 सप्ताहों से अवैध ज़ायोनी शासन में क़ानून में बदलाव के विरोध को लेकर प्रदर्शन किये जा रहे हैं जिमनें बहुत बड़ी संख्या में लोग हिस्सा ले रहे हैं।

नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल ने ज़ायोनी शासन की संसद में क़ानून में बदलाव को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया है जिसका पूरे ज़ायोनी शासन में व्यापक स्तर पर विरोध किया जा रहा है। वहां के विपक्षी नेताओं का कहना है कि नेतनयाहू के मंत्रीमण्डल की गतिविधियां, इस्राईल के भीतर गृहयुद्ध के कारण बनेंगी जिसके परिणाम स्वरूप यह शासन ढेर हो जाएगा।

इस्राईली संकट की अस्ल वजह क्या है?

इस्राईली प्रमुख ने स्वीकार किया है कि जायोनी शासन को ऐसे संकट का सामना है जिसका अब तक उसे सामना नहीं था।

इस्राईली प्रमुख इस्हाक़ हरज़ॉग ने कहा है कि कानून विवाद को लेकर 9 महीनों से इस्राईल को गहन संकट का सामना है और इस संकट के कारण इस्राईल को आर्थिक और सुरक्षा की दृष्टि से बहुत नुकसान का उठाना पड़ रहा है।

इस्राईल को जिन संकटों का सामना है उनके समाधान के लिए बहुत अधिक वार्ताएं हो चुकी हैं पर अब तक इन वार्ताओं का कोई विशेष परिणाम नहीं निकला है जिसकी वजह से अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में संकट जारी हैं और पिछले शनिवार को भी अवैध अधिकृत फिलिस्तीन के विभिन्न नगरों में नेतनयाहू और उनके अतिवादी मंत्रिमंडल के खिलाफ प्रदर्शन हुए।

ऐसा नहीं है कि जायोनी शासन के अंदर विवाद केवल न्यायपालिका में कानूनी परिवर्तनों को लेकर हैं बल्कि वास्तविकता यह है कि अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में रहने वालों को नेतनयाहू के अतिवादी मंत्रिमंडल के क्रिया कलापों से है और नेतनयाहू की अतिवादी नीतियां अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में संकट व विवाद का कारण हैं और बहुत से जायोनियों का मानना है कि अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में न तो सुरक्षा है और न ही भविष्य इसलिए बहुत से जायोनी इस्राईल छोड़कर जा रहे हैं और बहुत से जाने की कोशिश में लगे हैं।

बहुत से यहूदियों को दुनिया के बहुत से क्षेत्रों व देशों से अच्छे भविष्य की लालच देकर अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में लाकर बसाया गया था और वर्षों का समय बीत गया पर न तो उनका भविष्य अच्छा हुआ और न ही सुरक्षा मिली। यही नहीं जिन यहूदियों को बाहर से लाकर अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में बसाया गया है उनके साथ वहां के मूल यहूदियों व ज़ायोनियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाता है बल्कि उनके साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव किया जाता है।

जानकार हल्कों का मानना है कि जायोनी शासन के भीतर अशांति की मुख्य जड़ उसका अवैध व गैर कानूनी अस्तित्व है और जब तक उसका अवैध अस्तित्व बाकी रहेगा तब तक अशांति रहेगी।