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पापा के चाचा के बेटे के बेटे की शादी थी…
सुनीता करोथवाल =========== पापा के चाचा के बेटे के बेटे की शादी थी पीहर के घर में बस एक दीवार बीच के परले पार वही भाई जिसे गोद खिलाया वही चाचा जिनकी पीठ चढ़ घूमती थी भतीजियाँ वही चाची जिनकी छातियों पर बछड़ी सी मुंह मारती थी वही आँगन जहाँ दूध लस्सी एक बाल्टी से […]
मुझे जुगाड़ की ज़िंदगी जीने की आदत हो गई है!
मनस्वी अपर्णा लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ========= मुझे याद नहीं है कि मेरी ये सोच कब से बन गई है लेकिन अरसा हुआ है मुझे बनाने वालों से ज़्यादा सुधारने वाले पसंद आते हैं…..आमतौर पर दुनिया उनको सर माथे पर बिठाती है जो कुछ creation करते हैं या construction करते हैं, ठीक भी है उनकी योग्यता […]
हर इंसान को सम्मान और प्यार की ज़रूरत होती है
दो लफ्ज ========== एक छोटे से गाँव में छोटी बहू, जिसका नाम राधा था, अपने पति और ससुराल वालों के साथ रहती थी। राधा ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था, और उसे उसकी बुआ ने पाल-पोसकर बड़ा किया था। राधा का स्वभाव बहुत ही सरल, मृदुल और सबकी सेवा में रत […]