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रूस से सामान लेकर चली ट्रेन ईरान पहुंच गई है। यह ट्रेन सऊदी अरब का सामान लेकर रूस से आई थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब रूस से सीधे ट्रेन चलकर ईरान पहुंची है। इस ट्रेन ने उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे का इस्तेमाल किया है। इससे अब भारत तक माल भेजने का रास्ता साफ़ हो गया है।
यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने पहली बार ईरान तक अपनी ट्रेन दौड़ाई है। रूस ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे का उपयोग करके ईरान के माध्यम से सऊदी अरब को माल की आपूर्ति शुरू की है। इस रेलमार्ग का अंतिम लक्ष्य इस कॉरिडोर के ज़रिए भारत को माल की ढुलाई बढ़ाना है। रूसी ट्रेन के अब ईरान तक पहुंचने से भारत के लिए संभावनाओं का द्वार खुल गया है। यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और रूस के बीच अरबों डॉलर के व्यापार में बहुत ज़्यादा तेज़ी आई है। इस रास्ते से रूस और भारत अब अमेरिका की नज़र में आए बिना आपसी व्यापार को कई गुना बढ़ा सकते हैं। इस्लामी गणराज्य ईरान के रेलवे अधिकारियों ने सप्ताहांत में कैस्पियन सागर के पूर्व में ईरान के पूर्वोत्तर गुलिस्तान प्रांत में तुर्कमनिस्तान और ईरान के बीच सीमा पर 36 कंटेनरों के साथ पहली रूसी ट्रांज़िट ट्रेन के आगमन की घोषणा की। सीमा शुल्क की औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, यह ट्रेन बंदर अब्बास बंदरगाह के लिए रवाना हुई। यह बंदरगाह ईरान के मुख्य समुद्री गेटवे में से एक है जो हुर्मुज़ स्ट्रेट पर स्थित है। यहां से कंटेनरों को लाल सागर में स्थित सऊदी अरब के जेद्दा बंदरगाह जहाज़ से भेजा जाएगा। बता दें कि कंटेनर ट्रेन में पहला निर्यात शिपमेंट मई में रूस के चेल्याबिंस्क में दक्षिणी यूराल रेलवे स्टेशन से शुरू हुआ और कज़ाकिस्तान के रास्ते तुर्कमनिस्तान होते हुए ईरान पहुंचा।
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