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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा-पीएम मोदी क्यों चीन से बैठक की मांग कर रहे हैं, वो देश से क्या छुपा रहे हैं?

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई.

इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने संबंधों में सुधार और साझा हितों पर बात की.

अब एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने चीन के विदेश मंत्रालय के बयान पर कहा है कि पीएम मोदी क्यों चीन से बैठक की मांग कर रहे हैं, वो देश से क्या छुपा रहे हैं?

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हमारे प्रधानमंत्री लद्दाख सीमा पर वास्तविक स्थिति के बारे में अपने देश को अंधेरे में रखते हुए चीनी राष्ट्रपति के साथ बैठक की मांग कर रहे हैं. मोदी क्या छुपाना चाह रहे हैं?”

ओवैसी लिखते हैं, “सीमा संकट पर समाधान के नाम पर कुछ भी स्वीकार करने के लिए मोदी सरकार सेना पर दबाव क्यों बना रही है? वह मई 2020 की यथास्थिति पर लौटने पर जोर क्यों नहीं दे रही है? चीन के अवैध सैन्य क़दम को मोदी इनाम क्यों दे रहे हैं? ”

ओवैसी ने कहा, “हमारे बहादुर सैनिक 40 महीने तक सीमा पर डटे रहे और चीनियों से डरे नहीं. मोदी शी के सामने खड़े क्यों नहीं हो सकते और हमारे सैनिकों पर भरोसा क्यों नहीं कर सकते? क्या मोदी को टेरेटरी का यह नुकसान मंज़ूर है?”

“सीमा मुद्दे पर चीन के सामने मोदी सरकार का समर्पण शर्मनाक और ख़तरनाक है. यह मोदी की निजी संपत्ति नहीं है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और इस पर संसद के विशेष सत्र में बहस की ज़रूरत है”

Asaduddin Owaisi
@asadowaisi
Our PM @PMOIndia is going around asking for meetings with the Chinese President while keeping his own country in the dark about the real situation on the Ladakh border. What is Modi trying to hide?

Embassy of The People’s Republic of China in India
@China_Amb_India
On 23rd August 2023, President Xi Jinping and Indian Prime Minister Narendra Modi had a candid&in-depth exchange of views on current China-India relations & other questions of shared interest on the sidelines of the BRICS Summit.

भारत-चीन के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है?

चीनी विदेश मंत्रालय ने मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात पर बयान जारी करके कहा है कि 23 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर चीन-भारत संबंधों और साझा हित के सवालों पर बातचीत की.

“दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए ताकि सीमा क्षेत्र में शांति और संयुक्त रूप से सुरक्षा बनाए रखी जा सके.”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुलाकात पर कहा है कि दोनों नेताओं ने सीमा पर तनाव कम करने के प्रयासों को तेज़ करने पर सहमति जताई.

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की और एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर चर्चा की.

क्वात्रा ने बताया, “प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए ज़रूरी है.”

“दोनों नेता संबंधित अधिकारियों को सीमा पर तनाव कम करने के प्रयासों को तेज़ करने का निर्देश देने पर सहमत हुए.”

राहुल गांधी ने कहा- चीन ने हमारी ज़मीन ले ली

राहुल गांधी ने शुक्रवार को कारगिल में जनसभा के दौरान कहा, ‘एक बात एकदम साफ़ है. चीन ने हिंदुस्तान की हज़ारों किलोमीटर ज़मीन हमसे ली. दुख की बात है कि पीएम मोदी ने विपक्ष की बैठक में कहा कि हिंदुस्तान की एक इंच ज़मीन नहीं ली गई.”

राहुल गांधी बोले- लद्दाख के लोग जानते हैं कि चीन ने भारत की ज़मीन ली है और पीएम मोदी सच नहीं बोल रहे हैं.

राहुल गांधी के इस बयान की बीजेपी ने निंदा की है.