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क्या मुझे रोता देख तुम्हारा मन पिघलता नहीं….
Geeta Baisoya · =============== क्या मुझे रोता देख तुम्हारा मन पिघलता नहीं…. मेरा मुरझाए चेहरे को देख, क्या तुम्हें बुरा लगता नहीं… क्यों तुम पत्थर दिल हो जाते हो… कैसे मुझे रोता छोड़, तुम सो जाते हो… रात अक्सर निकल जाती है मेरी,यही सोच में… क्या तुम्हें मेरी फिक्र नहीं, या तुम्हें अब मेरी जरूरत […]
“याद है न! आज शाम को ठीक छ: बजे, कोर्ट में…! “
Vijay Kumar Tailong · ================ मोह भंग! °°°°°°°°° रतन जहाँ रहता था वहीं पास में खेल का कोर्ट था जहाँ रतन सुनील के साथ बैड मिन्टन खेलने जाया करता था। कुछ ऐसी आदत पड़ गई थी उसके साथ खेलने की कि शाम को रुका ही नहीं जाता था। कभी वह किसी अन्य कार्य से अपने […]
हमें मर्यादा सिखाने वालो तुम अपनी मर्यादा क्यों भूल जाते हो….!!लक्ष्मी सिन्हा लेख!!
Laxmi Sinha ============ यहा किसी से भी उम्मीदें वफा मत कर….!! ए मेरे दिल….!! समझ ले के ये दौर पत्थरों का है….!! एक स्त्री के योनि से जन्म लेने के बाद उसके वक्षस्थल से निकले दूध से अपनी भूख, प्यास मिटाने वाला इंसान बड़ा होते औरतों से इन्ही दो अंको की चाहत रखता है, और […]