विशेष

सुधीर जी क्या हुआ जब आप जेल में थे……**टमाटर**….वाक़ई बदहवास हैं हम लोग!

UP Congress
@INCUttarPradesh
दलाल ब्रिगेड के चौधरी साहब ने महारानी को मक्खन लगाते हुए एक सवाल पूछा।

जिसकी कोशिश थी कि टमाटर की महंगाई से शासन पल्ला झाड़ ले।

मगर, बात महारानी को नागवार गुजरी। जवाब तो मिला नहीं लेकिन दलाल ब्रिगेड के चौधरी साहब की लाल जरूर हो गयी।

उनके और उनके पूरे दलाल यूनियन के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं।

https://twitter.com/i/status/1692952883384496342

Abhisar Sharma
@abhisar_sharma
ये सबक है गोदी पत्रकारों को के तुम जिनकी चाटुकारिता करते हो ,उनकी नजरों में तुम्हारी औकात क्या है? ये अहंकार स्मृति ईरानी का है जो दिन ब दिन सभी हदों को पार कर रही हैं . सवालों का जवाब देते बनता नही मैडम को,अपने पालतू को भी नही छोड़ती!

https://twitter.com/i/status/1692965434969010364

Zakir Ali Tyagi
@ZakirAliTyagi
सुधीर चौधरी जिनकी भक्ति करता था आज उन्ही ने रेल दिया है,सुधीर ने स्मृति ईरानी से टमाटर की महंगाई पर किया सवाल तो मैडम बोली “क्या हुआ जब आप जेल में थे? “

@sudhirchaudhary
आंखों से पर्दा उठाओ यह समय ख़ुद से विचार करने का है कि क्या हासिल हुआ इतनी भक्ति करके कि महंगाई पर जवाब ना देकर पर्सनल अटैक झेलना पड़ा?

UP Congress
@INCUttarPradesh
अमेठी की जनता कह रही है :-

“M.Phil किया हुआ आदमी देश का प्रधानमंत्री बनेगा तो देश विकास क्यों नहीं करेगा?

स्मृति ईरानी ने अमेठी का विकास नहीं विनाश कर दिया। IIIT गायब हो गयी। भारत पेपर मिल गायब हो गया।”

जननायक के प्रति इतना प्यार और महारानी जी के लिए इतना गुस्सा…

Rajmurti Saurabh
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ये न समझो उदास हैं हम लोग,
आजकल दुख के पास हैं हम लोग।
सूख जाएँगे फिर हरे होंगे,
नाम है दूब, घास हैं हम लोग ।
कैसे पहचान पायेंगे ख़ुद को,
कामनाओं के दास हैं हम लोग।
सोचते कुछ हैं बोलते कुछ हैं,
वाक़ई बदहवास हैं हम लोग।
बेलिबासी ही अब लिबास लगे,
किस क़दर बेलिबास हैं हमलोग।
पालिए मत कोई ग़लतफ़हमी,
एक होकर पचास हैं हम लोग।
ऐसी ग़फ़लत में क्यों है तू पारो,
मत समझ देवदास हैं हम लोग ।
भाँप लेते हैं देखकर चेहरा,
इस क़दर ग़मशनास हैं हम लोग।
शायरी है तेरा बड़ा एहसान,
आम होकर भी ख़ास हैं हम लोग।
-राजमूर्ति ‘सौरभ’

Aafrin
@Aafrin7866
अब टमाटर के सवाल पर तिहड़ी जेल जा सकता है
सुधीर चौधरी को अपनी झूठी इज़्ज़त बचाने के लिए ही सही उसी वक्त ईरानी से नक़ली डिग्री का पूछ लेना चाहिए था।
सुधीर चौधरी की नौकरी नहीं ले सकतीं ईरानी तो उसे तिहाड़ जेल रिटर्न बता रही हैं।

 

डिस्क्लेमर : ट्वीट्स में व्यक्त विचार लेखक के अपने निजी विचार और जानकारियां हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है, लेख सोशल मीडिया से प्राप्त हैं